जम्मू-कश्मीर: ‘आतंकियों’ के मारे जाने पर घिरी सेना, कोर्ट ऑफ इन्क्वॉयरी जारी

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दक्षिण कश्मीर के शोपियां इलाके में पिछले महीने हुई मुठभेड़ के सिलसिले में सेना ने अपनी जांच शुरू कर दी है और बयान दर्ज किए हैं। जम्मू क्षेत्र के राजौरी इलाके के परिवारों ने जम्मू-कश्मीर पुलिस से शिकायत की कि उसी इलाके से उसके परिवार के सदस्य लापता हैं जिसके बाद यह जांच शुरू हुई है।

श्रीनगर में रक्षा प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने एक बयान जारी कर कहा कि शोपियां में ऑपरेशन आशीमपोरा की उच्च स्तरीय कोर्ट ऑफ इन्क्वॉयरी जारी है। सूत्रों के मुताबिक जांच का नेतृत्व ब्रिगेडियर रैंक के एक अधिकारी कर रहे हैं, क्योंकि मुठभेड़ में शामिल इकाई का नेतृत्व एक कर्नल कर रहे थे। घटना 18 जुलाई की है जब सेना ने दावा किया था कि उसने दक्षिण कश्मीर के शोपियां के आशीमपोरा में तीन आतंकवादियों को मार गिराया है।

कर्नल कालिया ने कहा कि सेना आतंकवाद निरोधक सभी अभियानों को नैतिकता के साथ अंजाम देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, जिन मामलों में संदेह उठाए जाते हैं उनकी उचित प्रक्रिया के तहत कानून के मुताबिक जांच की जाती है। चूंकि मामले में जांच जारी है, विस्तृत ब्यौरा समय आने पर साझा किया जाएगा ताकि कानूनी प्रक्रिया बाधित नहीं हो।

कर्नल कालिया ने कहा,  मुख्य गवाहों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं और प्रगति पर नजदीकी नजर रखी जा रही है। अतिरिक्त असैन्य गवाहों से कहा जा रहा है कि कोर्ट ऑफ इन्क्वॉयरी के समक्ष गवाही दें। प्रवक्ता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने राजौरी से डीएनए के नमूने इकट्ठे किए हैं और उन्हें 18 जुलाई को मारे गए आतंकवादियों के नमूनों से मिलान कराने के लिए भेजा जा रहा है।

पुंछ जिले के राजौरी इलाके के कोटरंका गांव में धार सकरी के तीन युवकों के रिश्तेदारों ने स्थानीय थाने में लिखित लापता रिपोर्ट दर्ज कराई। 17 जुलाई को स्वजन से संपर्क नहीं हो पाने के बाद उन्होंने रिपोर्ट लिखाई। तीनों मुख्य रूप से सेब और अखरोट के बगीचे में मजदूरी करते थे। तीनों लड़कों के परिवार के सदस्यों के डीएनए नमूने राजौरी के एक सरकारी अस्पताल में 13 अगस्त को श्रीनगर से गई पुलिस जांच टीम की मौजूदगी में इकट्ठे किए गए।

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