नई दिल्ली। उन्नाव दुष्कर्म मामले में पीड़िता का बयान दर्ज कराया जाएगा। इसके लिए एम्स में ही अस्थायी अदालत लगाई जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दिल्ली हाईकोर्ट ने देर शाम विशेष कोर्ट के गठन की अधिसूचना जारी कर दी। इस अधिसूचना के अनुसार हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पाटिल ने आदेश दिया है कि मामले की सुनवाई कर रहे विशेष जज धर्मेश शर्मा पीड़िता का बयान दर्ज कराने के लिए एम्स के ट्रॉमा सेंटर के करने के लिए एम्स के ट्रॉमा सेंटर के परिसर/बिल्डिंग में कोर्ट लगा सकते हैं। बता दें कि उन्नाव रेप पीड़िता की गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया था जिसके बाद से वह और उसका वकील गंभीर रूप से घायल हो गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता और उसके वकील को एम्स शिफ्ट करवाया था।
जज धर्मेश शर्मा ने हाईकोर्ट को पत्र लिखकर अस्थायी कोर्ट गठित करने की मांग की थी। शर्मा ने हाईकोर्ट को बताया था कि सीबीआई, पीड़िता और उसके परिवार को इसमें आपत्ति नहीं है। डॉक्टरों का कहना है कि पीड़िता को कोर्ट ले जाना ठीक नहीं होगा। इस पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ ने हाईकोर्ट को सुनिश्चित करने को कहा कि एम्स में अस्थायी अदालत का गठन किया जाए। इसके अलावा पीठ ने कहा कि क्या उन्हें सुनवाई पूरी करने के लिए 45 दिनों से ज्यादा का समय चाहिए? अगर ऐसा है तो वह विचार कर सकता है। गौरतलब है कि उन्नाव मामले को दिल्ली ट्रांसफर करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को 45 दिन में सुनवाई पूरी करने को कहा था। इस मामले में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर सहित अन्य आरोपी हैं। जिसकी वजह से सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के लखनऊ से मामले को दिल्ली शिफ्ट करने का आदेश दिया था।
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