Mission Sagar: INS Kesari returns to India after 55 days from a trip to five countries: मिशन सागर: आईएनएस केसरी पांच देशों की यात्रा से 55 दिनों बाद भारत लौटा

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नई दिल्ली। भारतीय नौसेना का जहाज आईएनएस केसरी ‘मिशन सागर’ के तहत दक्षिणी हिन्द महासागर क्षेत्र के पांच देशों की यात्रा करके 55 दिनों के बाद रविवार को भारत (कोच्चि) लौट आया। ‘मिशन सागर’ के तहत भारतीय नौसेना के जहाज केसरी को एक विशेष ‘कोविड रिलीफ मिशन’ पर भारत सरकार ने 10 मई को दक्षिणी हिन्द महासागर क्षेत्र के पांच मित्र देशों मालदीव, मॉरीशस, मेडागास्कर, कोमोरोस और सेशेल्स में कोविड-19 महामारी से निपटने में सहायता के लिए भेजा था। आईएनएस केसरी ने 12 मई को मालदीव के लोगों के लिए रमजान के मौके पर भारत की ओर से उपहार के रूप में 580 टन आवश्यक खाद्य पदार्थ पहुंचाए। 23 मई को मॉरीशस के लोगों के लिए आवश्यक दवाएं और आयुर्वेदिक दवाओं की एक विशेष खेप सौंपी। इसके अलावा नौसेना की 14 सदस्यीय विशेषज्ञ मेडिकल टीम को यहां 20 दिन के लिए तैनात किया गया जिसमें डॉक्टर और पैरामेडिक्स शामिल थे। इसके अलावा मेडिकल असिस्टेंस टीम में एक सामुदायिक चिकित्सा विशेषज्ञ, एक पल्मोनोलॉजिस्ट और एक एनेस्थेसियोलॉजिस्ट शामिल थे।

इस चिकित्सा सहायता टीम ने 20 दिन मॉरीशस में रहकर कोविड की आपात स्थिति और डेंगू बुखार से निपटने में उनकी मदद की। मिशन सागर’ के हिस्से के रूप में भारतीय नौसेना का जहाज ‘केसरी’ 30 मई को दवाओं की खेप लेकर मेडागास्कर के पोर्ट एन्टसिरानाना पहुंचा। जहाज केसरी ने 31 मई को कोमोरोस पहुंचा और कोविड से संबंधित आवश्यक दवाओं की एक खेप सौंपी। इसके अलावा 14 सदस्यीय विशेषज्ञ चिकित्सा दल भी यहां तैनात किया गया जिसमें भारतीय नौसेना के पैरामेडिक्स, सामुदायिक विशेषज्ञ और एक पैथोलॉजिस्ट शामिल थे। आईएनएस केसरी 7 जून को अपने आखिरी पड़ाव पोर्ट विक्टोरिया, सेशेल्स पहुंचा और सेशेल्स सरकार के अनुरोध पर भेजी गई आवश्यक चिकित्सा सामग्री की दूसरी खेप सेशेल्स सरकार को सौंपी।

इनमें वह आवश्यक दवाएं हैं जो द्वीपों में पाई जाने वाली अधिकांश आम बीमारियों जैसे रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल, मधुमेह, कैंसर और अन्य हृदय रोगों का इलाज करने में सक्षम हैं। मॉरीशस के प्रधान मंत्री ने आईएनएस केसरी की तैनाती के लिए पिछले महीने एक टेलीफोन बातचीत के दौरान व्यक्तिगत रूप से भारतीय प्रधान मंत्री को धन्यवाद दिया था। इसी प्रकार, राज्यों के प्रमुखों या अन्य देशों के वरिष्ठ गणमान्य लोगों ने भी समय पर सहायता के लिए आभार व्यक्त किया था।

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