Prime Minister targeted many targets from this visit:प्रधानमंत्री ने इस दौरे से कई निशाने साधे

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार सुबह जब अचानक लेह पहुंचे तो सभी लोग चकित हो गए। यह कोई पूर्व निर्धारित दौरा नहीं था इसलिए हैरानी होना लाजिमी था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को आज ही लेह जाना था मगर उनका दौरा ‘रीशेड्यूल’ किया गया। ऐसे में जब पीएम मोदी के लेह पहुंचे वहां सेना के जवानों को संबोधित किया इससे साफ हो गया भारत बैकफुट पर नहीं चलेगा।पीएम मोदी की लेह यात्रा एक तीर से कई निशाना साधा है.पीएम ने अपने दौरे से पूरे विश्व  को भी चीन के आगे डटकर खड़े होने का संदेश दिया है।
वरिष्ठ सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी के लद्दाख सेक्टर जाने का फैसला गुरुवार शाम को फाइनल किया गया। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने इसके लिए सीडीएस बिपिन रावत से चर्चा की थी। उसके बाद थल सेना अध्यक्ष और एयर चीफ को जानकारी दी गई थल सेनाध्यक्ष ने  लेह में नॉर्दन आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी बातचीत की और उच्च स्तरीय दौरा के बारे में तैयार रहने को कहा । इस दौरे को लेकर पूरी रणनीति बनाई और इसे काफी गुप्त रखा गया जब तक आज प्रधानमंत्री लेह में लैंड किए तब लोगों की इसकी भनक नहीं लगी
##2017 में डोकलाम तनातनी के दौरान भी चीन का आक्रामकता का सामना  पीएम मोदी, अजित डोभाल ,सीडीएस,और तब सेना अध्यक्ष रहे बिपिन रावत ने एक साथ  सामना किया था और चीन को पीछे हटने पर मजबूर किया था। डोकलाम में डोभाल के रणनीति के सामने चीन को अपने पैर खींचने पड़े थे##
पीएम मोदी जिस नीमू बेस कैम्‍प पर गए, रणनीति के तहत इसे चुना गया था वो जगह भारत-चीन सीमा से ज्‍यादा दूर नहीं। पूर्व में एलएसी है और पश्चिम में एलओसी। यह जगह शायद इसीलिए चुनी गई ताकि दोनों देशों चीन और पाकिस्तान  को साफ संदेश जाए कि भारत का राजनीतिक नेतृत्‍व को लेकर पूरी तौर पर चौकस है और यह भी कि भारत किसी तरह की धमकी या आक्रामक रुख से घबराने वाला नहीं है।
##पीएम का लेह जाना चीन को स्पष्ट और दो टूक संदेश है। ड्रैगन को यह बता दिया गया है कि भारत इस तनातनी और उनकी नापाक हरकतों को किस तरह गंभीरता से ले रहा है। पीएम मोदी को लेह में नॉर्दन आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी और 14 कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने निमू आर्मी हेडक्वॉर्टर में हालात की पूरी जानकारी दी। मोदी के नीमू दौरे से चीन जल भुन गया है  । चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है ‘किसी को भी ऐसा काम नहीं करना चाहिए जिससे तनाव और बढ़े।’ । चीन को साफ संदेश गया है  कि कब्‍जा करने वाली उसकी रणनीति को भारत सहन नहीं करेगा।
 ##गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि चीन से सीमा पर तनातनी को जल्द खत्म करने की अपील की, लेकिन चीनी सीमा पीछे हटने में समय लगाएगी, क्योंकि चीन बातचीत के जरिए समस्या के समाधान के मूड में नहीं दिख रही है। शांति की बातें करते हुए भी पीएलए गलवान, गोगरा, हॉट स्प्रिंग और पैंगोंग त्सो पॉइंट से सैनिकों को पीछे ले जाने में समय लगाने वाला है।
मिलिट्री कमांडर्स के अनुसार, चीनी सेना अभी भी तनातनी वाले सभी जगहों पर दावा कर रही है। कुछ सैनिकों और गाड़ियों को पीछे ले जाकर वह दिखावा ही कर रही है, लेकिन असल में सैनिकों और हथियारों का जमावड़ा बढ़ाया जा रहा है। पीएलए के सैनिक गलवान घाटी में अड़े हुए हैं और इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ा रहे हैं।चीन की कथनी और करनी में बराबर अंतर रहता है और चीन बराबर पीठ में छुरा घोंपने का काम किया है इसलिए सीमा पर सुरक्षा एजेंसियां पूरी तौर पर  चौकस हैं ,किसी भी हिमाकत का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा( चीन की आक्रामकता का भारत  पूरी मजबूती के साथ जवाब दे रहा है। चीन की किसी आक्रामकता या दुस्साहस का जवाब देने के लिए भारतीय सेना और एयर फोर्स के जवान पूरी तरह तैयार हैं।
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