Kartarpur Corridor to open from November 9 for Sikh devotees, 86% work completed: सिख श्रद्धालुओं के लिए 9 नवंबर से खुलेगा करतारपुर कॉरिडोर, 86% काम हुआ पूरा

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लाहौर, एजेंसी। जम्मू-कश्मीर से भारत सरकार द्वारा हटाए गए आर्टिकल-370 से भारत पाकिस्तान रिश्तें में तल्खी आ गई थी। लगातार युद्ध की धमकियों के बीच सोमवार को पाकिस्तान की ओर से बहुप्रतीक्षित करतारपुर गलियारा नौ नवंबर को भारतीय सिख श्रद्धालुओं के लिये खोलने की घोषणा की गई। स्थानीय और विदेशी पत्रकार पहली बार लाहौर से लगभग 125 किलोमीटर दूर नरोवाल में प्रस्तावित करतारपुर गलियारे की यात्रा पर गए, इस दौरान यह घोषणा की गई। परियोजना के निदेशक आतिफ माजिद ने दौरे पर आए पत्रकारों को बताया कि अब तक गलियारे का 86 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और इसे नौ नवंबर को खोल दिया जाएगा। भाषा के अनुसार, माजिद ने कहा कि विकास कार्य अगले महीने तक पूरा कर लिया जाएगा। यह गलियारा पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब और भारत के गुरदासपुर में डेरा बाबा नानक साहिब को जोड़ेगा।

करतारपुर साहिब गुरुद्वारा की स्थापना सिखों के संस्थापक गुरु गुरुनानक देव जी ने 1522 में की थी। इससे भारतीय श्रद्धालुओं को बिना वीजा के सिर्फ परमिट हासिल कर आवाजाही की सुविधा मिलेगी। करतारपुर कार्रिडोर में गुरुद्वारा दरबार साहिब के लिए भारतीय सीमा तक गलियारे का निर्माण पाकिस्तान कर रहा है, जबकि पंजाब के गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक से दूसरे हिस्से तक का निर्माण भारत द्वारा किया जाएगा। दोनों देश इस बात पर सहमत हुए थे कि पाकिस्तान गलियारे के जरिये प्रतिदिन पांच हजार श्रद्धालुओं को अपने यहां आने की अनुमति देगा। यह भारत-पाकिस्तान के बीच 1947 के बाद से अब तक का पहला वीजा मुक्त गलियारा होगा। परियोजना निदेशक माजिद ने कहा कि हर दिन भारत से 5,000 सिख तीर्थयात्रियों के आगमन के लिये लगभग 76 आव्रजन केन्द्र स्थापित किए गए हैं और यहां प्रतिदिन आने वाले 10,000 तीर्थयात्रियों के लिए 152 आव्रजन केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि शुरू में भारत से रोजाना 5,000 सिख श्रद्धालु आएंगे और बाद में यह संख्या बढ़कर 10,000 हो जाएगी।

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