The condition of Hindu temples in Pakistan is bad, the Supreme Court has given the information: पाकिस्तान में हिंदु मंदिरों का हाल बुरा, सुप्रीम कोर्ट के बनाए आयोग दी जानकारी

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नई दिल्ली। पाकिस्तान आए दिन भारत को नीचा दिखाने के लिए हथकंडे अपनाता हैजम्मू-कश्मीर पर बुरी नजर रखने वाला पाक वहां मानवाधिकार की दुर्हा देता है जबकि उसके खुद के घर में अल्पसंख्यक हिंदुओंका बुरा हाल हो रहा है। पाकिस्तान में सुप्रीम कोर्ट ने वहां के अल्पसंख्यक हिंदुओं के मंदिर के हाल के बारेमें जानकारी दी। पाकिस्तान में सुप्रीम कोर्ट के बनाए आयोग ने अपनी रिपोर्ट में एक बार फिर से इसका खुलासा किया कि पाकिस्तान में हिंदुओं के मंदिर कितने बदतर हालात में हैं। पाकिस्तान के ‘डॉन न्यूज’ केअनुसाान सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टर शोएब सदल के नेतृत्व में एक सदस्यीय आयोग का गठन किया था जो हिंदु मंदिरों की स्थिति के बारे में जानकारी देंगे। आयोग ने अपनी सातवीं रिपोर्ट 5 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट को दी है। रिपोर्ट में अफसोस जताया गया है कि ईवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड , ईटीपीबी हिंदुओं के अधिकांश प्राचीन धर्म स्थलों को संभालने में विफल रहा है। आयोग ने 6 जनवरी को चकवाल में कटस राज मंदिर और 7 जनवरी को मुल्तान के प्रह्लाद मंदिर का दौरा किया था। रिपोर्ट में पाक के2 सबसे अधिक प्रसिद्ध हिंदू मंदिरोंकी जानकारी दी और उनकी फोटों भी साथ में लगाई ंहै। बता दें कि इस आयोग में 3 सहायक सदस्य भी हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान में 365 मंदिर हैं जिनमें से सिर्फ 13 के रखरखाव की जिम्मेदारी एळढइ ने ली हुई है। वहीं, 65 मंदिर ऐसे हैं जिनकी देखरेख हिंदू समुदाय खुद कर रहा है तो वहीं 287 मंदिरों को भू-माफियाओं के हवाले छोड़ दिया गया है। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि 73 साल बीतने के बाद भीईटीपीबी की रुचि सिर्फ प्रवासित अल्पसंख्यकों की महंगी संपत्तियों को कब्जे में लेने में थी।

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