Pakistan threatens nuclear attack on Kashmir: कश्मीर पर पाकिस्तान ने दी परमाणु हमले की धमकी

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पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे पर अपनी हर कोशिश कर रहा है कि वह आर्टिकल-370 को हटाने का विरोध कर सके। पाकिस्तान कभी अमेरिका तो कभी चीन के पास जाता है। पाकिस्तान का मददगार चीन यूएन में भी बंद कमरे में इसकी चर्चा तो करवा पाता है लेकिन वह इस मुद्दे पर पाकिस्तान और कोई मदद नहीं कर पाता है। पाकिस्तान किसी भी तरह जम्मू कश्मीर के मुद्दे को शांत नहीं होने देना चाहता है। आज पीएम मोदी और ट्रंप की मुलाकात में भी यह साफ हो गया कि भारत किसी तरह की मध्यस्थता के पक्ष में नहीं है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को अपने यहां की आवाम को संबोधित किया और भारत को परमाणु हमले की गीदड़भभकी दी। इमरान खान ने कहा कि कश्मीर के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। इमरान खान ने अपने संबोधन में कहा कि कश्मीर के लोग हर हफ्ते शुक्रवार को सड़कों पर उतरें। उन्होंने कहा कि जब तक कश्मीर आजाद नहीं होता तब तक उसके साथ हैं। इमरान यहीं नहीं रुके, और भारत को गीदड़भभकी दे डाली। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के पास परमाणु हथियार है, युद्ध हुआ तो दोनों देशों में तबाही मच जाएगी।
उन्होंने कहा कि कश्मीर मुद्दे को हमारे सभी दूतावास उठाएंगे। खान ने कहा कि कश्मीर का मुद्दा बातचीत से सुलझाना चाहता था। पाक पीएम ने कहा कि पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हम पूरी तरह से तैयार हैं। खान ने कहा कि कश्मीर पर मुस्लिम देश हमारे साथ आएंगे।
इमरान खान ने कहा कि कश्मीर पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बड़ी गलती हो गई है। हमने कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण कर दिया है। पाक पीएम ने कहा कि कश्मीर पर किसी भी हद तक जाएंगे, आखिरी सांस तक वहां के लोगों का साथ देंगे। देश को तरक्की के रास्ते पर ले जाना चाहता हूं। साथ ही इमरान ने कहा कि भारत दोबारा बालाकोट हमले जैसी जुर्रत नहीं कर सकता। जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म करने के भारत सरकार ने जो फैसला लिया है उससे पाकिस्तान में खलबली मची हुई है। वह भारत सरकार के फैसले को स्वीकार नहीं कर पा रहा है। इस मसले को लेकर गाहे-बगाहे उसकी बेचैनी दिखाई देती रहती है। अतंरराष्ट्रीय समुदाय में भारत के खिलाफ माहौल बनाने की उसकी सभी कोशिशें विफल रही हैं। उसने लगभग हर देश से कश्मीर को लेकर भारत सरकार के फैसले में हस्तक्षेप करने की मांग की लेकिन उसे कहीं भी उम्मीद की किरण नजर नहीं आई।

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