पाकिस्तान के पीएम और मंत्री नहीं लेंगे सैलरी, बिजली, पानी, गैस और टेलिफोन के बिल भी जेब से भरेंगे

0
323
Pakistan PM Will Not Take Salary

आज समाज डिजिटल, Pakistan PM Will Not Take Salary : आर्थिक कंगाली से जूझ रहे पाकिस्तान के पास महज 3 अरब डॉलर के फॉरेन रिजर्व (डिपॉजिट) के साथ दिवालिया होने की कगार पर खड़े पाकिस्तान को बचाने की आखिरी कोशिश शुरू हो गई है। इसी कारण प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने बुधवार रात सरकारी खर्च में जबरदस्त कटौती से जुड़े अहम ऐलान किए। कहा- मैं और कैबिनेट के बाकी मिनिस्टर्स सैलरी नहीं लेंगे। तमाम केंद्रीय मंत्री बिजली, पानी, गैस और टेलिफोन के बिल जेब से भरेंगे।

Economic Crisis In Pak

बता दें कि पाकिस्तान इन दिनों गहरे आर्थिक संकट में फंसता जा रहा है। विदेश से उसे मदद नहीं मिल रही है। यहां तक कि  आईएमएफ ने भी पाकिस्तान को कर्ज देने से इनकार कर दिया है। जिसके बाद पाकिस्तान की मुश्किलें काफी ज्यादा बढ़ गई हैं। इस गंभीर आर्थिक संकट से बाहर कैसे निकलना है पाकिस्तान की सरकार लगातार इस पर चिंतन कर रही हैं।

मंत्रियों के पास मौजूद लग्जरी गाड़ियां नीलाम होंगी

शरीफ के मुताबिक- मंत्रियों के पास मौजूद लग्जरी गाड़ियां नीलाम की जाएंगी। सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट और ब्यूरोक्रेसी से भी खर्च में कटौती की अपील की गई है। बहरहाल, हैरानी वाली बात ये है कि मुल्क बनने के बाद से अब तक (76 साल) के दौर में करीब आधा वक्त देश चला चुकी ताकतवर फौज के बजट पर शरीफ एक लफ्ज भी नहीं बोले। वो भी तब जबकि उसके पास अरबों रुपए का बजट है।

चरम पर पहुंची महंगाई (World News)

पाकिस्तान में रोज मर्रा की वस्तुओं के दाम आसमान को छू रहे हैं। मौजूदा समय में पाकिस्तान में महंगाई 25 प्रतिशत की दर से भी ज्यादा तेजी से बढ़ रही है। यहां दूध 150 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है जबकि प्याज 260 रुपए प्रति किलो के हिसाब से मिल रहा है। बेरोजगारी दर लगातार बढ़ती जा रही है और ज्यादात्तर पब्लिक के पास रोज का खर्च जुटाने की समस्या खड़ी हो रही है।

ये भी पढ़ें : रूस से जंग के बीच यूक्रेन पहुंचे अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन

ये भी पढ़ें : अमेरिका के बाद यूक्रेन ने मार गिराए रूस के 6 जासूसी बैलून

ये भी पढ़ें : फिलीपींस में भूकंप के बाद खाली करवाया अस्पताल, कई इमारतों में आई दरारें

ये भी पढ़ें : अमेरिका में पहली बार सिख महिला बनी जज, मनप्रीत मोनिका सिंह ने रचा इतिहास

Connect With Us: Twitter Facebook
SHARE