केंद्रीय मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने लिया फैसला
EPFO New Rules (आज समाज), नई दिल्ली : कर्मचारियों के हित में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने कई बड़े फैसले लिए हैं। इनसे पीएफ निकासी, ब्याज, और डिजिटल सेवाओं में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा श्रम मंत्रालय ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में ईपीएफओ की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने अपनी बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए।
सीबीटी ने ईपीएफ के सदस्यों के जीवन को आसान बनाने के लिए 13 जटिल प्रावधानों को एक ही नियम में विलय करने का फैसला लिया। इसके तहत ईपीएफ योजना के आंशिक निकासी प्रावधानों को सरल बनाया गया है। ईपीएफओ के बोर्ड ने अपने सात करोड़ से अधिक अंशधारकों के लिए आंशिक निकासी की उदार व्यवस्था को मंजूरी दे दी है। इसके तहत अब सदस्य ईपीएफ खाते से 100 प्रतिशत तक की निकासी कर सकेंगे।
अब केवल 12 माह की सेवा की जरूरत
अब सदस्य भविष्य निधि में कर्मचारी और नियोक्ता के हिस्से सहित पात्र शेष राशि का 100 प्रतिशत तक निकाल सकेंगे। निकासी की सीमा को उदार बनाया गया है। शिक्षा के लिए 10 बार तक और विवाह के लिए 5 बार तक निकासी की अनुमति दी गई है। सभी आंशिक निकासी के लिए न्यूनतम सेवा की आवश्यकता को भी घटाकर केवल 12 महीने कर दिया गया है। ईपीएफओ ने यह भी बताया है कि पेंडिंग मामलों और भारी जुमार्नों को घटाने के लिए पेंशन निकाय ने ह्यविश्वास योजनाह्ण शुरू की है। वर्तमान में ?2,406 करोड़ की जुमार्ना राशि और 6,000 से अधिक मुकदमे लंबित हैं। अब पीएफ जमा में देरी पर जुर्माना घटाकर 1% प्रति माह किया गया है।
अब एक ही बार में निकलेगा पूरा पैसा
ईपीएफओ ने आंशिक निकासी के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब सदस्य अपने ईपीएफ खाते की कुल राशि (कर्मचारी और नियोक्ता दोनों की ओर से जमा राशि) निकाल सकेंगे। वहीं अब 13 नियमों की जगह निकासी के लिए सिर्फ तीन कैटेगरी पुराने 13 जटिल नियमों को मिलाकर आशिक निकासी के लिए अब केवल तीन श्रेणियां रखी गई हैं-आवश्यक जरूरतें (बीमारी, शिक्षा, शादी), हाउसिंग जरूरतें व विशेष परिस्थितियां।
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