Visiting Waterlogged Areas: विधायक कपूर वाल्मीकि ने किया विभिन्न गांवों में जलभराव क्षेत्रों का दौरा

0
78
Visiting Waterlogged Areas
Visiting Waterlogged Areas
  • जलभराव की समस्या के स्थायी समाधान के लिए करेंगे सीएम से मुलाकात : कपूर वाल्मीकि

आज समाज नेटवर्क, भिवानी:

Visiting Waterlogged Areas: बीते दिनों हुई बारिश से बवानीखेड़ा क्षेत्र में जलभराव की समस्या ने ग्रामीणों की चिंता बढ़ा दी है। इसी समस्या का जायजा लेने और ग्रामीणों को राहत का आश्वासन देने के लिए भाजपा विधायक कपूर वाल्मीकि ने बवानीखेड़ा क्षेत्र के गांव तिगड़ाना सहित विभिन्न गांवों का दौरा किया और जलभराव वाले इलाकों का निरीक्षण किया।

जलभराव क्षेत्रों का निरीक्षण 

इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों से बातचीत की और उन्हें इस गंभीर समस्या से स्थायी निजात दिलाने का भरोसा दिया। विधायक ने अधिकारियों  को निर्देश दिए कि वे जलभराव क्षेत्रों का निरीक्षण कर जल्द से जल्द विशेष गिरदावरी करवाएं। इसके साथ ही विधायक को ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि वे मुख्यमंत्री से मिलकर उनके समक्ष जलभराव से बर्बाद हुई फसलों की ऐवज में 50 हजार रूपये प्रति एकड़ मुआवजा देने की मांग भी रखेंगे। ग्रामीणों ने विधायक के सामने अपनी परेशानियां रखीं, जिसमें आवागमन में दिक्कत, फसलों को नुकसान और बीमारियों का खतरा शामिल है।

स्थायी समाधान के लिए मांग Visiting Waterlogged Areas

विधायक कपूर वाल्मीकि ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि वे इस समस्या की गंभीरता को समझते हैं और इसके स्थायी समाधान के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे जल्द ही इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे और बवानीखेड़ा क्षेत्र में जलभराव की समस्या के स्थायी समाधान के लिए मांग रखेंगे।

उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य केवल तात्कालिक राहत देना नहीं, बल्कि ऐसी योजनाएं बनाना है जिससे भविष्य में यह समस्या दोबारा उत्पन्न न हो। इस अवसर पर सरपंच सुरेंद्र कुमार, पूर्व सरपंच प्रदीप, पूर्व सरपंच नेत्रपाल, नवीन ठेकेदार, विनोद पिंकू पीटीआई, विनीत तंवर, राजेश मास्टर, राकेश वाल्मीकि, कर्मवीर तिगड़ाना, नरेंद्र चेयरमैन, अभिषेक तंवर, नेत्रपाल सहित अन्य ग्रामीण मौजूद रहे।

ये भी पढ़ें : Clove For Toothaches and Digestion: दांत दर्द और पाचन के लिए बेहतरीन है लौंग

ये भी पढ़ें : Sendha Namak for Sawan Fast: सेंधा नमक को सामान्य नमक से ज़्यादा क्यों इस्तेमाल किया जाता व्रत में