- मलबे के भारी प्रवाह के कारण छह इमारतें पूरी तरह तबाह
- 20 सितंबर तक भारी बारिश और भूस्खलन की चेतावनी
- देहरादून, धम सिंह नगर, चंपावत के लिए रेड अलर्ट जारी
Uttarakhand Monsoon Havoc, (आज समाज), देहरादून: सितंबर आधा बीत जाने के बाद भी उत्तर भारत के पहाड़ों में मानसून का कहर जारी है। उत्तराखंड (Uttrakhand) के चमोली जिले (Chamoli District) में भारी बारिश के कारण बादल फटने से तबाही मची है। बताया जा रहा है कि जिले के नंदानगर (Nandanagar) के गांव में यह घटना कल यानि बुधवार रात को हुई है और इसके कारण 6 मकानों के ढह जाने से 10 लोग लापता और कुछ को बचा लिया गया है। उत्तराखंड के अलावा, हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी इस सप्ताह भारी बारिश के कारण अचानक बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में कुछ लोगों की मौत हो गई।
खराब मौसम, बचाव अभियान में दिक्कत
मलबे के भारी प्रवाह से छह इमारतें पूरी तरह तबाह हो गईं हैं। मलबे से दो लोगों को बचाया गया है। एक मेडिकल टीम और तीन एम्बुलेंस प्रभावित क्षेत्र में भेजी गई हैं। नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (NDRF) की एक टीम बचाव भी राहत कार्य के लिए प्रभावित क्षेत्र में पहुंच गई है। खराब मौसम की वजह से बचाव अभियान में दिक्कत हो रही है।
चमोली में भारी बारिश की चेतावनी दी
लापता 10 लोगों में से छह कुंत्री लागा फली गांव के, दो सरपानी के और दो धुरमा के बताए गए हैं। सबसे उम्रदराज व्यक्ति 75 साल का है और सबसे कम उम्र के दो 10 वर्षीय लड़के हैं। मौसम विभाग ने चमोली में भारी बारिश की चेतावनी दी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बादल फटने से कई लोग अभी भी अपने घरों में फंसे हुए हैं।
इसी सप्ताह सहस्रधारा में फटा था बादल, 13 लोगों की मौत
चार दिन पहले 15 सितंबर की रात को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के सहस्रधारा में बादल फटने से कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा भारी बारिश के बीच बादल फटने से आए तेज बहाव के कारण सड़कें बह गईं और घर व दुकानें क्षतिग्रस्त हो गईं थीं। दो बड़े पुल गिर गए, जिससे शहर को आसपास के इलाकों से जोड़ने वाले कई रास्ते बंद हो गए। प्रदेश मौसम विभाग ने राजधानी देहरादून के अलावा धम सिंह नगर और चंपावत के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। 20 सितंबर तक भारी बारिश, भूस्खलन और बुनियादी ढांचे के गिरने की चेतावनी जारी की गई है।
राज्य में 900 से अधिक लोग फंसे, 15 लापता
राज्य में अब तक राज्य में 15 लोग लापता हैं और 900 से अधिक लोग फंसे हुए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने बुधवार को कहा, हमारा प्रयास है कि क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे की मरम्मत की जाए और सड़क और बिजली की कनेक्टिविटी जल्द से जल्द बहाल की जाए। उन्होंने यह भी बताया कि 85 प्रतिशत क्षतिग्रस्त बिजली लाइनें ठीक कर दी गई हैं और बाकी भी एक-दो दिन में ठीक कर दी जाएंगी।
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