50 मीटर करीब आते ही कटेगा टोल टैक्स
Gurugram News (आज समाज) गुरुग्राम: हरियाणा के गुरुग्राम में मानव रहित टोल प्लाजा बनकर तैयार हो चुका है। द्वारका एक्सप्रेस वे पर बने इस टोल प्लाजा पर कोई भी टोल कर्मी तैनात नहीं किया गया है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी आॅफ इंडिया की ओर से गुरुग्राम-दिल्ली बॉर्डर पर बजघेड़ा में इसके संचालन की तैयारी शुरू कर दी गई है। इस टोल प्जाला के निर्माण पर करीब 9000 करोड़ रुपए की लागत आई है। हालांकि अभी तक एनएचएआई की ओर से इस टोल प्लाजा पर शुल्क की घोषणा नहीं की गई।
मगर, माना जा रहा है कि इस प्रीमियम एक्सप्रेसवे पर दरें दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की तरह हो सकती हैं, जहां प्रति किलोमीटर 2 रुपए से अधिक शुल्क है। इसके साथ ही कल यानी गुरुवार से एयरपोर्ट से गुरुग्राम तक नवनिर्मित टनल को भी ट्रायल रन के लिए खोला जाएगा। बता दें कि यह टोल प्लाजा हरियाणा का दूसरा मानव रहित टोल प्लाजा है। इससे पहले सोनीपत में मानव रहित टोल प्लाजा की शुरूआत हो चुकी है।
वाहन के सेंसर की रेंज में आने पर फास्टैग से कटेगा शुल्क
सामान्य टोल प्लाजा पर लगे बूम की जगह यहां मॉर्डन सेंसर युक्त बूम बैरियर इंस्टॉल किए गए हैं, जिसे एडवांस टोल मैनेजमेंट सिस्टम से जोड़ा गया है। जैसे ही वाहन इन सेंसर की रेंज में पहुंचेगा तो फास्टैग से शुल्क कट जाएगा और वाहन के पहुंचने से पहले ही बूम बैरियर उठ जाएंगे।
सभी एक्जिट और एंट्री पॉइंट पर भी सेंसर लगेंगे। नया सिस्टम पूरी तरह से मानव रहित है और प्रत्येक लेन में हाई रेजोल्यूशन कैमरे और सेंसर लगाए गए हैं, जिनकी रेंज करीब 50 मीटर है यानी इस दूरी में आते ही एक भी गाड़ी बिना टोल शुल्क के नहीं निकल सकेगी।
हाईवे पर चढ़ते ही प्रत्येक गाड़ी की एक यूनिक आईडी जनरेट होगी
स्वचालित नंबर प्लेट पहचान प्रणाली पर भी काम किया गया है, जिसके बाद फास्टैग और बूम बैरियर की भी जरूरत नहीं पड़ेगी यानी टोल प्लाजा पर रुकना नहीं पड़ेगा। इस तकनीक के जरिए हाईवे पर चढ़ते ही प्रत्येक गाड़ी की एक यूनिक आईडी जनरेट होगी। जैसे ही यह गाड़ी टोल प्लाजा के सेंसर की रेंज में आएगी तो टोल शुल्क का भुगतान बैंक खाते से हो जाएगा। हालांकि यह सुविधा टोल के पूरी तरह से स्वचालित होने के बाद ही शुरू होगी।
तकनीकी खामी को ठीक करने के लिए कंट्रोल रूम में तैनात रहेगा इंजीनियर
एनएचएआई अधिकारियों का कहना है कि जैसे ही टोल प्लाजा पूरी तरह स्वचालित हो जाएगा, यहां बनाए गए कंट्रोल रूम में इंजीनियर की ड्यूटी रहेगी। किसी तरह की तकनीकी खामी होती है तो उसे तुरंत ठीक किया जाएगा। यहां मैनुअल कुछ भी नहीं होगा। फिलहाल कुछ समय तक दोनों तरफ एक-एक लेन कैश की रखी गई है, लेकिन बाद में इसे भी बंद किया जाएगा।
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