India’s position will remain heavy: भारत का पलड़ा रहेगा भारी

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हैदराबाद। भारत और वेस्टइंडीज के बीच तीन टी20 मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला शुक्रवार को यहां राजीव गांधी स्टेडियम में खेला जाएगा। दोनों टीमें यहां पहुंच चुकी हैं और अभ्यास में जुटी हैं। विराट कोहली बांग्लादेश के खिलाफ टी20 सीरीज में टीम का हिस्सा नहीं थे। इस फॉर्मेट में वे वेस्टइंडीज के खिलाफ वापसी करेंगे। शिखर धवन चोट की वजह से टीम का हिस्सा नहीं हैं। उनकी जगह केरल के विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन को मौका दिया गया है। हालांकि, पहले मैच में उनके खेलने की संभावना कम है। दूसरी तरफ, वेस्ट इंडीज की युवा टीम इस फॉर्मेट में एक बार फिर खुद को साबित करना चाहेगी। कीरोन पोलार्ड कप्तान हैं और उन्हें भारतीय पिचों और हालात का पर्याप्त अनुभव है। दूसरा और तीसरा टी20 क्रमश: 8 और 11 दिसंबर को तिरुअनंतपुरम और मुंबई में खेले जाएंगे।
निगाहें वर्ल्ड कप पर
टी20 क्रिकेट में भारतीय टीम मिशन टी20 वर्ल्ड कप 2020 की तैयारियों को लेकर अपनी रणनीतियां तैयार करने में जुटी है। इस कड़ी में शुक्रवार से टीम इंडिया वेस्ट इंडीज के खिलाफ 3 टी20 मैचों की सीरीज का आगाज करेगी तो उसका टारगेट अगले साल अक्टूबर में आॅस्ट्रेलिया में होने वाले वर्ल्ड कप की तैयारियों पर ही होगा। वर्ल्ड कप मिशन में कूदने से पहले टीम इंडिया के पास शेड्यूल 11 टी20 इंटरनेशनल मैच ही बचे हैं। ऐसे में कुछ सवाल हैं, जिनका हल टीम इंडिया को इन बचे हुए 11 मैचों में ढूंढ़ना है।
टी20 क्रिकेट में, टीम इंडिया लक्ष्य का पीछा करना ज्यादा पसंद करती है। 2017 की शुरूआत में जब एमएस धोनी ने कप्तानी छोड़ी थी, तब से लेकर अब तक भारतीय टीम ने इस सबसे छोटे फॉर्मेट में 45 मैच खेले हैं। इनमें टीम इंडिया को 30 में जीत, जबकि 14 में हार का सामना करना पड़ा है। इन 14 हार में से 10 हार तब मिली हैं, जब टीम इंडिया ने पहले बैटिंग करते हुए विरोधी टीम के लिए लक्ष्य सेट किया हो। ऐसे में टीम को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।
केएल राहुल के लिए मौका
इस बात में कोई शक नहीं कि वनडे क्रिकेट में शिखर धवन बतौर ओपनर एक मैच विनर खिलाड़ी हैं, लेकिन क्या उनकी टी20 परफॉर्मेंस को देखकर भी ऐसा कहा जा सकता है? उनकी पिछली कुछ पारियां देखें तो उन्हें इस फॉर्मेट में रनों के जूझना पड़ रहा है। वह शुरूआत में अधिक डॉट बॉल खेलते हैं और बाद में भी इसकी भरपाई भी वह नहीं कर पा रहे हैं। उनका खेल रोहित शर्मा जैसी पावर वाला भी नहीं है और न ही उनके पास विराट कोहली जैसी एक-दो रन दौड़ने की तेजी है। शिखर इस सीरीज में चोट के कारण उपलब्ध भी नहीं हैं और ऐसे में केएल राहुल के पास इस जगह पर कब्जा जमाने का शानदार मौका है। कर्नाटक के इस खिलाड़ी ने हाल ही में संपन्न हुई सैयद मुश्ताक अली टी20 ट्रोफी में खूब रन ठोके हैं।
भारतीय टीम जब 2019 वर्ल्ड कप की तैयारियां कर रही थी तब से ही वह नंबर 4 पर किसी बल्लेबाज को स्थापित नहीं कर पाई। वनडे वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में टीम के लिए यह घातक भी साबित हुआ और न्यूजीलैंड के खिलाफ टीम को हारकर टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा। विराट नंबर 3 पर ही बैटिंग करेंगे, यह तय है और नंबर 4 के लिए भारतीय टीम के पास मनीष पांडे, श्रेयस अय्यर और ऋषभ पंत के रूप में विकल्प मौजूद हैं। इस पॉजिशन के लिए इतने सारे विकल्प भारतीय टीम मैनेजमेंट की दुविधा बढ़ाएंगे।
क्या बुमराह वाला रोल निभाएंगे चाहर
आईपीएल में एमएस धोनी चाहर के चार ओवरों को पावरप्ले में ही इस्तेमाल करते रहे हैं। चेन्नै सुपरकिंग्स के लिए आईपीएल खेलने वाले इस खिलाड़ी ने बांग्लादेश के खिलाफ काफी प्रभावित किया। तब कप्तान रोहित शर्मा ने चाहर का उपयोग फिनिशर के तौर पर भी किया। बांग्लादेश के खिलाफ एक मैच में 6/7 का परफॉर्मेंस करने के बाद इस युवा तेज गेंदबाज ने कहा, बुमराह की ही तरह मेरा इस्तेमाल होगा। क्या वह वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों के सामने भी ऐसा परफॉर्म कर सकते हैं? टीम इंडिया के पास वैसे तो वर्ल्ड कप मिशन के लिए मोहम्मद शमी, भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह मौजूद हैं लेकिन बुमराह फिलहाल चोट से जूझ रहे हैं और उन्हें अभी अपनी फिटनेस हासिल करनी है। खलील को महंगा साबित होना भी टीम के लिए चुनौती है और ऐसे में बुमराह के विकल्प के तौर पर टीम चाहर को तैयार करना चाहेगी।
टीम इंडिया: रोहित शर्मा, लोकेश राहुल, विराट कोहली (कप्तान), श्रेयस अय्यर, मनीष पांडे, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), शिवम दुबे, रविंद्र जडेजा, भुवनेश्वर कुमार, युजवेंद्र चहल और दीपक चाहर।
वेस्ट इंडीज टीम: कीरोन पोलार्ड (कप्तान), फैबियन एलीन, शेल्डन कॉट्रेल, शिमरॉन हेटमायर, जेसन होल्डर, एविन लुईस, निकोलस पूरन, लेंडल सिमंस, खेरी पियरे, ब्रेंडन किंग और शेरफिन रदरफोर्ड।

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