नईदिल्ली। कोरोना महामारी ने पूरे विश्व को बहुत ज्यादा परेशान किया। लाखों लोग इस महामारी के कारण मौत के मुंह में पहुंच गए तो लाखों करोड़ों को इस बीमारी ने अपनी चपेट में लिया। बड़ेऔर विकसित देश भी इस बीमारी के आगे नतमस्तक होत ेदिखे थे। अब भारत में कोरोना को हराने की तैयारी पूरी हो चुकी है। कोरोना वैक्सीन अब भारत में भी लगनी शुरू हो गई है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देशभर में 3 हजार केंद्रों पर टीकाकरण कार्यक्रम की शुरूआत की। आज सबसे पहले फ्रंट लाइन वर्कर को कोरोना वैक्सीन दी जाएगी। भारत मेंपहलेदिन तीन लाख सेज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना वायरस के टीके की खुराक मिलेगी। पीएम मोदी नेअपनेसंबोधन मेंकि आज के दिन का पूरे देश को बेसब्री से इंतजार रहा है, कितने महीनों से देश के हर घर में बच्चे, बूढ़े, जवान सबकी जुबान पर ये ही सवाल था कि कोरोना की वैक्सीन कब आएगी। आज वो वैज्ञानिक, वैक्सीन रिसर्च से जुड़े अनेकों लोग विशेष प्रशंसा के हकदार हैं, जो बीते कई महीनों से कोरोना के खिलाफ वैक्सीन बनाने में जुटे थे। आमतौर पर एक वैक्सीन बनाने में बरसों लग जाते हैं। लेकिन इतने कम समय में एक नहीं, दो मेड इन इंडिया वैक्सीन तैयार हुई हैं। देश में लॉकडाउन का निर्णय आसान नहीं था। इतनी बड़ी आबादी को घर के अंदर रखना आसान नहीं होगा यह हमें पता था, और यहां तो पूरा देश बंद होने जा रहा था। इसका देश की अर्थव्यवस्था पर क्या असर होगा, यह भी हमें पता था लेकिन देश में जान है तो जहान है। निराशा के इस दौर में कुछ लोगों ने उम्मीद की किरण जगाई। स्वास्थ्य कर्मी और फ्रंट लाइन वर्कर्स कई दिनों तक बिना घर लौटे काम करते रहे। कई स्वास्थ्य कर्मी ऐसे भी रहे जो कभी घर लौटे ही नहीं। ये टीका उन सभी को श्रद्धांजलि है। पीएम मोदी नेसंबोधन मेंकहा आमतौर पर बीमारी में परिवार पास रहता है लेकिन इस बीमारी ने तो बीमार को परिवार से ही दूर कर दिया। कोरोना काल को याद कर के मन सिहर जाता है। कोरोना काल में मां को बच्चे से दूर रहना पड़ा। कई साथी अस्पताल से घर वापस नहीं लौट पाए। कोरोना से हमारी लड़ाई आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की रही है।
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