नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप और हत्या का मामला पिछले सात सालों से अदालत में चल रहा है। इस केस में दो बार डेथ वारंट जारी होने के बाद भी अब तक दोषियों को फांसी पर नहीं चढ़ाया जा सका है। आज भी दिल्ली की एक अदालत ने इस मामले में चारों दोषियों की फांसी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। फांसी पर रोक लगाने वाली याचिका पर पटियाला हाउस कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। फांसी पर रोक लगाने आदेश के बाद इस केस में सात सालों से न्याय के लिए भटक रहीं निर्भया की मां ने कहा कि ‘दोषियों के वकील एपी सिंह ने मुझे चुनौती देते हुए कहा है कि दोषियों को कभी भी फांसी नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि मैं अपनी लड़ाई जारी रखूंगी। सरकार को दोषियों को फांसी देनी ही होगी।’बेहद भावुक होकर निर्भया की मां ने यह बातें कहीं। बता दें कि निर्भया की मां आशा देवी निर्भया की मौत के बाद से ही लगातार यह केस लड़ रहीं हैं और उन्होंने अब तक इस मामले में न्यायालय पर विश्वास किया है। पहले भी उन्होंने कहा है कि वह न्यायालय पर पूरा विश्वास रखती हैं। बता दें कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धमेंद्र राणा ने चारों दोषियों की अर्जी पर यह आदेश जारी किया। ये चारों एक फरवरी को फांसी पर अमल पर स्थगन की मांग कर रहे थे। इस आदेश के साथ ही यह तय हो गया कि निर्भया के गुनहगारों को 1 फरवरी को फांसी नहीं होगी। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने फांसी की सजा पर रोक लगाने के तीन दोषियों के अनुरोध वाली याचिका की सुनवाई को दिल्ली की एक अदालत में चुनौती दी थी। बता दें कि तिहाड़ जेल में दोषियों को फांसी देने की तैयारी पूरी कर ली गई थी। यहां तक कि जल्लाद को भी यूपी के मेरठ से बुला लिया गया था। इससे पहले निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस में मौत की सजा पाए दोषी पवन गुप्ता की याचिका को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने आज खारिज कर दिया था। पवन गुप्ता ने नाबालिग होने के अपने दावे को खारिज करने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट से पुनर्विचार करने का अनुरोध किया था।
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