नई दिल्ली। किसान आंदोलन में अब नेताओं और पार्टियों की इंट्री हो चुकी है। पहले जहांकिसानों नेकहा था कि हम किसी पार्टी या नेता को अपने मंच का स्थान नहीं देंगे लेकिन अब उसी मंच पर तमाम नेता पहुंच चुकेहैं। आज गाजिपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे राकेश टिकैत से मिलने शिवसेना नेता अरविंद सावंत और संजय राउत पहुंचे। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत नए कृषि कानूनों को वापस लेने और एमएसपी पर कानून बनाए जाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहेहैंवहीं दिल्ली की सीमाओं पर भी 69वें दिन भी किसानों का आंदोलन जारी है। आंदोलन को तेजी देने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने एलान किया है कि 6 फरवरी को देशभर में वह चक्का जाम करनेजा रहे हैं। चक्का जाम के ऐलान के बाद पुलिस ने दिल्ली बॉर्डर पर सख्त घेराबंदी कर दी है। दिल्ली पुलिस ने सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर कई लेयर बैरिकेडिंग और कंटीले तार लगाकर रोड ब्लॉक कर दी दई हैं। इतना ही नहीं, पुलिस ने टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर की मेन रोड पर लोहे की कीलें ठोक दी हैं। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि बिल वापसी ही घर वापसी है। सरकार को अपनी जिद छोड़कर तीनों कृषि कानून वापस लेने पड़ेंगे और एमएसपी पर कानून बनाना पड़ेगा। महाराष्ट्रसे शिवसेना नेता संजय राउत ने बयान दिया कि हमारे सभी सांसद यहां आए हैं। राकेश टिकैत से बात हो गई है और उन्हें जो संदेश देना था हमने दे दिया है। हम पूरी ताकत से उनके साथ रहेंगे। सरकार को ठीक से बात करनी चाहिए, बात में राजनीति नहीं आनी चाहिए। अहंकार से देश नहीं चलेगा। वहीं दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर 26 जनवरी के आसपास और उसके बाद में कथित तौर पर अवैध रूप से हिरासत में रखे गए किसानों सहित सभी लोगों को रिहा करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी।
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