नई दिल्ली। आज बजट सत्र से पहले प्रधानमंत्री ने सर्वदलीय बैठक का ेसंबोधित किया। शनिवार को इस बैठक में पीएम ने कृषि कानूनों की खिलाफत कर रहे किसानोंको संदेश दिया कि सरकार उनसे केवल एक फोन कॉल दूर है। सरकार किसानों से बातचीत के लिए सदैव तैयार है। किसानों से कृषि मंत्री ने जो वादा किया है वह आज भी कायम है। उनकी सरकार किसानोंसेलगातार बातचीत कर समाधान निकालनेका प्रयास कर रही है। आज की इस सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंद्योपाध्याय, शिवसेना सांसद विनायक राउत और शिरोमणि अकाली दल के बलविंदर सिंह भुंडर उपस्थित थे और उन्होंने किसान आंदोलन पर अपना पक्ष रखा। जबकि जेडीयू के नेता राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह ने कृषि कानूनों का समर्थन किया। यह सर्वदलीय बैठक वर्चअल स्थापित की गई जिसमें प्रधानमंत्री ने विशेषतौर पर कहा कि हमारी सरकार प्रदर्शनकारी किसानों की तरफ से उठाए जा रहे मुद्दों को वार्ता केमाध्मय से सुलझाने का प्रयास कर रही है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि सरकार की ओर से किसानों को प्रस्ताव दिए गए थे वह आज भी बरकरार हैं। गौरतलब है कि सरकार की ओर से यह सर्वदलीय बैठक बजट सत्र के दौरान संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने और विधायी कार्यों के संदर्भ में चर्चा के मकसद से बुलाई थी। विभिन्न दलों के नेताओं ने इस बैठक में अलग अलग मुद्दे उठाए। विपक्षी दलों ने शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा बुलाई गई एक सर्वदलीय बैठक में इसी तरह की मांग की, लेकिन सरकार ने सुझाव दिया कि किसान आंदोलन का मुद्दा राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान उठाया जा सकता है, जिसके लिए लोकसभा में दो, तीन और चार फरवरी को 10 घंटे का समय आवंटित किया गया है।
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