नईदिल्ली। नेशनल मेट्रोलॉजी कॉन्क्लेव का उद्घाटन आज पीएम मोदी न किया। इस कॉन्क्लेव में’राष्ट्र के समावेशी विकास के लिए मेट्रोलॉजी’ विषय पर चर्चा हुई। इसका आयोजन कॉन्क्लेव काउंसिल आॅफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च-नेशनल फिजिकल लेबोरेटरी ने किया था। इस कार्यक्रम का आयोजन खासतौर पर इसकी स्थापना के 74 साल पूरे होनेके अवसर पर किया गया था। इस कॉन्क्लेव मेंपीएम ने कहा कि किसी भी शोध का प्रभाव वाणिज्यिक, सामाजिक और हमारी समझ को बढ़ाता है। कई बार भविष्य में अनुसंधान के अन्य संभावित उपयोगों का पहले से अनुमान नहीं लगाया जा सकता है, लेकिन यह सुनिश्चित है कि रिसर्च कभी भी बर्बाद नहीं होती है। जैसे हमारे शस्त्रों में कहा गया है कि आत्मा अमर है, वैसे ही शोध भी। उन्होंने कहा, “आज, वैश्विक नवाचार रैंकिंग में भारत शीर्ष 50 देशों में शामिल है। भारत में उद्योग और संस्थानों के बीच सहयोग को मजबूत किया जा रहा। इसी के साथ पीएम ने यहा आत्मनिर्भर भारत को भी प्रचारित किया और उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि न केवल वैश्विक मांग हो, बल्कि ‘मेक इन इंडिया’ उत्पादों की वैश्विक स्वीकृति भी हो। हमें गुणवत्ता और विश्वसनीयता के आधार पर ब्रांड इंडिया को मजबूत करना होगा। इसके साथ ही उन्होंने कोरोना महामारी केसंबंध में कोरोना वैक्सीन का जिक्र करते हुए कहा कि भारत के वैज्ञानिक कोरोना की दो वैक्सीन बनाने में सफल रहे हैं और देश को अपने वैज्ञानिकों पर गर्व है।
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