India-China joint statement issued, withdrawing forces is a priority, and measures will have to be taken to restore confidence: भारत-चीन का साझा बयान जारी, सेनाओं को पीछे हटाना प्राथमिकता, विश्वास बहाली के लिए करने होंगे और उपाय

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नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच में तनाव और गतिरोध को दूर करने के लिए मास्को में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने मुलाकात की। यह द्विपक्षीय वार्ता मास्कों में लगभग ढाई घंटे चली। एलएसी पर तनाव कम करने के लिए भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी समकक्ष वांग यी के बीच हुई बैठक के बाद संयुक्त बयान में कहा गया कि लएसी पर शांति बनाए रखने के लिए विश्वास बहाली के उपायों यानी कॉन्फिडेंस बिल्डिंग मेजर्स (सीबीएम) पर काम करना होगा। इसके साथ ही यह भी कहा गया कि दोनों देशों की सेनाओं को पीछे करना ही प्राथमिकता होगी। साथ ही यह स्पष्ट कहा गया कि दोनों देशों की प्राथमिकता अपनी-अपनी सेनाओं को पीछे करना होगा। बता दें कि यहां इस बात के संकेत भी मिल रहे हैं कि आज के समय में दोनों देशों के मध्य हुए मौजूदा द्विपक्षीय समझौते सीमा पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच के तनाव को कम कर ने में सफल नहीं रहे हैं। शुक्रवार को जारी बयान मेंदोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच सहमति के बारे में बताया गया कि ‘दोनों विदेश मंत्रियों ने इस बात पर सहमति जताई कि जैसे ही स्थिति आसान होती है, दोनों पक्षों को सीमा क्षेत्र में शांति और शांति बनाए रखने और बढ़ाने के लिए नए आपसी विश्वास निर्माण के उपायों को पूरा करने में तेजी लानी चाहिए।’ दोनों देशों के विदेश मंत्री की मुलाकात शंघाई सहयोग संगठन से अलग हुई, इस बैठक में वि देश मंत्रियों के बीच सीमा पर तनाव कम करनेके लिए स ेनाओं को पीछे हटाने पर सहमति बनी।

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