मीराबाई के पदक से पहले ही मिठाई मंगवा ली थी : कर्णम

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India's Chanu Saikhom Mirabai competes in the women's 49kg weightlifting competition during the Tokyo 2020 Olympic Games at the Tokyo International Forum in Tokyo on July 24, 2021. (Photo by Vincenzo PINTO / AFP)

कर्णम मालेश्वरी

जिस समय मीराबाई चानू की इवेंट चल रही थी उस वक्त मैं उनके पदक जीतने के लम्हे का बेसब्री से इंतज़ार कर रही थी क्योंकि मुझे उनके पदक जीतने का भरोसा था। मैंने तो मिठाई भी मंगवा ली थी लेकिन उसे किसी को ज़ाहिर नहीं किया था। मुझे खुशी है कि वेटलिफ्टिंग में 21 साल का सूना खत्म हुआ। मीराबाई के इस पदक से बाकी खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी। मुझे दुगनी खुशी है कि जो काम मैंने 21 साल पहले किया था, उसे मीराबाई ने न सिर्फ दोहराया बल्कि पदक का रंग भी बदला। मुझे विश्वास है कि अब अगले ओलिम्पिक में यही कमाल फिर होगा और एक बार फिर पदक का रंग बदलेगा।

वैसे रिकॉर्ड बनते ही टूटने के लिए हैं। रिकॉर्ड टूटेंगे, तभी नई प्रतिभाएं सामने आएंगी। ये बात साबित हो गई है कि भारत में टैलंट की कमी
नहीं है। पिछले ओलिम्पिक में पहले पदक के लिए लम्बा इंतज़ार करना पड़ा था। अब यह पदक बाकी एथलीटों के लिए भी एक टॉनिक साबित होगा। बस मैं भारतीय वेटलिफ्टरों सहित पूरे दल को यही कहना चाहूंगी कि मन में विश्वास रखें। अपने ऊपर बहुत ज़्यादा दबाव न ओढ़ें। फ्री माइंड से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के बारे में सोचें। मेडल के बारे में बहुत ज़्यादा सोचकर कई बार दबाव बहुत बढ़ जाता है जिससे प्रदर्शन भी प्रभावित होता है।

एक खिलाड़ी का ओलिम्पिक में पदक जीतना उसके लिए तो अहम है ही, साथ ही पूरे खेल समुदाय के लिए भी गौरव की बात है। खेल मंत्रालय की तमाम योजनाओं को इस कामयाबी का श्रेय दिया जाना चाहिए। साथ ही कोचों की मेहनत, भारतीय खेल प्राधिकरण की तमाम योजनाएं, टॉप्स स्कीम ने भी भारत से खिलाड़ियों को इस स्तर पर तैयार करने में अहम भूमिका निभाई है। वैसे मैंने इस बार दहाई की संख्या तक पदक मिलने की भविष्यवाणी की है। मुझे उम्मीद है कि हमारे खिलाड़ी मुझे निराश नहीं करेंगे।

(लेखिका भारत की पहली महिला ओलिम्पिक मेडलिस्ट हैं)

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