China threatened after Czech Republic leader Taiwan, European countries say it unacceptable: चेक गणराज्य नेता के ताइवान दौर के बाद चीन ने धमकी, यूरोपीय देशों कहा यह अस्वीकार्य

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चेक गणराज्य सीनेट के अध्यक्ष मिलोस वीसट्रिसिल का ताइवान दौरा हुआ जिसे लेकर चीन ने अपनी बौखलाहट साफ दिखाई दी। चीन ने धमकी दे दी और कहा कि इसके लिए भारी कीमत चुकानी होगी। चीनी चेतावनी को नजरअंदाज करते हुए कहा कि चेक रिपब्लिक के सीनेट के अध्यक्ष मिलोस वीसट्रिसिल ने ताइवानी राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन से आज सुबह मुलाकात की। जबकि चीन ने मिलोस वीसट्रिसिल की इस ताइवान यात्रा को ‘अंतरराष्ट्रीय विश्वासघाती कदम’ और ‘बीजिंग की वन चाइना पॉलिसी’ का उल्लंघन करार दिया। बता दें कि चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने इस मामले में बहुत ही कठोर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि मिलोस वीसट्रिसिल ने रेड लाइन को पार किया है। चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है वह इस क्षेत्र पर अपना अधिकार बताता रहा है। वह अक्सर अन्य देशों का ताइवान के साथ आधिकारिक बातचीत या किसी भी संबंध पर आपत्ति करता है। चीन के विदेश मंत्री ने कठोरता के साथ कहा कि वीसट्रिसिल को उनके अदूरदर्शी व्यवहार और राजनीतिक अवसरवाद के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। विदेश मंत्री ने चेक के सीनेट अध्यक्ष की ताइवान यात्रा के संदर्भकहा कि एक चीन नीति को चुनौती देने वाले किसी को भी भारती कीमत चुकानी पड़ेगी। चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि ताइवान चीन क्षेत्र का अविभाज्य हिस्सा है और ताइवान मुद्दे पर एक चीन नीति को चुनौती देना यानी 1.4 अरब चीनियों को दुश्मन बनाना एवं अंतरराष्ट्रीय विश्वास एवं आचरण का उल्लंघन करना है। इस बयान की जर्मनी, स्लोवाकिया और फ्रांस सहित सभी यूरोपीय देशों ने आलोचना की। यूरोपीय देशों ने एकजुटता दिखाते हुए अपनेएक सदस्य को धमकाने पर चीन को आड़े हाथों लिया। जर्मनी के विदेश मंत्री हेईको मास ने कहा यूरोपीय देश अपने अंतरराष्ट्रीय साझीदारों का सम्मान करता है और उनसे भी यही अपेक्षा करता है। बर्लिन में प्रेस ब्रीफिंग मेंजर्मनी के विदेश मंत्री ने कहा- धमकी यहां पर उचित नहीं है। वहीं फ्रांस के विदेश मंत्री ने चीनी की टिप्पणी को अस्वीकार्य कर दिया। वहीं स्लोवाकिया के राष्ट्रपति केपुटोवा नेभी अपने ट्वीट में केकहा कि चीन द्वारा दी गईधमकी यूरोपीय सदस्यों मेंसे एक को दी गई है और इसका उसके प्रतिनिधि खंडन करते हैं और यह अस्वीकार्य है। बता दें कि मिलोस वीसट्रिसिल की ताइवान यात्रा ने कूटनीतिक तूफान पैदा कर दिया है।

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