नई दिल्ली। भारत और चीन केबीच एलएसी पर बीतेकई महीनों से तनाव और गतिरोध की स्थिति बनी हुई थी। पिछले साल जून महीने में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी जिसे लेकर भारत ने स्वीकार किया था कि उसके बीस सैनिक एलएसी पर मारे गए हैंजबकि चीन की ओर से अपने सैनिकों के मारे जाने की बात नहीं कबूली गई थी। भारतीय पक्ष के अनुसार चीन के चालीस से ज्यादा सैनिक मारे गए थे। लेकिन अब चीन ने भी स्वीकार किया है कि उसके सैनिक भारत चीन झड़प में मारे गए थे। आज चीन नेएक वीडियो जारी कर उस झड़प का आरोप भारत पर मढ़ दिया है। इस वीडियो के जरिए चीन ने मारे गए अपने सैनिकों की तस्वीरें दिखाई हैं तो झड़प के लिए उसने भारत पर आरोप मढ़े हैं। बताया जा रहा है कि जिस माना जा रहा हैचीन लंबे समय तक अड़ने के बाद एलएसी पर से पीछे हटने को मजबूर हुआ है। जिसके बाद चीन वहांसेध्यान हटाने केलिए और अपनी किरकिरी को दूर करने के लिए झूठ और प्रोपोगेंडा फैला रहा है। चीन की सरकारी मीडिया में जारी वीडियो में भारत पर ही आरोप लगाया गया है। चीन ने बिना भारत का नाम लिए कहा गया है कि अप्रैल 2020 में विदेशी सेना ने पूर्व में हुए समझौतों का उल्लंघन किया और बॉर्डर लाइन पार करके सड़कों और पुलों का निर्माण शुरू कर दिया। चीन ने भारत पर एकतरफा यथास्थिति में बदलाव के प्रयास का आरोप लगाते हुए कहा कि इसी वजह से यहां तनाव बढ़ा। चीन का कहना है कि भारतीय सैनिकों ने नदी के ठीक किनारे टेंट लगा दिए थे और जब पीएलए ने इसका विरोध किया तो बड़ी संख्या में पहुंचे भारतीय सैनिकों ने उनपर हमला कर दिया। इसके जवाब में पीएलए सैनिकों की संख्या बढ़ाई गई और फिर झड़प हुई जिसमें उन्हें (भारत) भारी नुकसान उठाना पड़ा। हर बार की तरह चीन ने सारा दोष भारत पर मढ़ते हुए खुद को क्लीनचिट देने की कोशिश की है। चीन ने पहली बार आधिकारिक तौर पर यह स्वीकार किया कि पिछले वर्ष जून में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में उसके 4 सैन्यकर्मी मारे गये थे।
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