स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज ले रही है घातक रूप, मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, तनाव, गलत खानपान, शारीरिक गतिविधियों की कमी बन रही है हार्ट अटैक का कारण
Punjab Breaking News (आज समाज), चंडीगढ़। कभी उम्र दराज लोगों में हार्ट अटैक के मामलों के बारे में सुनने में आता था। लेकिन अब युवाओं के दिलों की धडकने भी खतरे में दिखाई दे रही है। ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं जिसमें लोग उचित खान पान एवं बिल्कुल फिट होते हैं लेकिन फिर भी उनकी मौत हार्ट अटैक या हार्ट फेल हो जाने से हो जाती है। इसका ताजा उदाहरण वरिंदर घुम्मण है जोकि फिट थे लेकिन उनकी मौत भी हार्ट अटैक से बताई जा रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार पंजाब में 35 प्रतिशत मौतें हृदयघात या दिल से जुड़ी अन्य बीमारियों के कारण हो रहीं हैं।
ये हैं मुख्य कारण
मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, तनाव, गलत खानपान, शारीरिक गतिविधियों की कमी और धूम्रपान भी युवाओं में हृदयघात के मामले बढ़ने का प्रमुख कारण माना जा रहा है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग की वर्ष 2017 की रिपोर्ट के अनुसार पंजाब में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज भी घातक रूप धारण करती जा रही है। इस कारण 15 से 39 वर्ष की आयु वर्ग में सबसे अधिक 21.7 प्रतिशत लोगों की मौत हो रही है जबकि 40 से 69 वर्ग में इस रोग से 44.2 प्रतिशत लोगों की जान जा रही है। 70 से ऊपर आयु वर्ग में भी यह सबसे अधिक मौतों का कारण बन रहा है जो 46.6 फीसदी है।
पश्चिम बंगाल व पंजाब सबसे ऊपर
एक अस्पताल की सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिम बंगाल और पंजाब में 35 प्रतिशत से अधिक मौतें हृदय रोग के कारण हो रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर चार में से एक मौत हृदय रोग के कारण होती है। हृदय रोग से संबंधित ज्यादातर मौतें समय से पहले होती हैं और सही उपायों से इन्हें रोका जा सकता है। महिलाओं, बच्चों और युवाओं पर हृदय रोग का प्रभाव बढ़ता जा रहा है।
शुरूआती पहचान और जीवन शैली में बदलाव करके दिल के दौरे के मामलों को रोका जा सकता हैं। पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डा. बलबीर सिंह ने कहा जिम में व्यायाम करते हुए हार्ट अटैक के मामले आ रहे हैं। इसे लेकर ही स्टडी करवाई जाएगी ताकि इसके कारणों का पता लगाया जा सके। लोगों के खान-पान की जांच के साथ ही बदलते जीवनशैली को स्टडी में शामिल किया जाएगा। हार्ट अटैक के केसों में समय पर मुफ्त इलाज देने के लिए स्टेमी प्रोजेक्ट भी लागू किया गया है।
स्टेमी परियोजना भी लागू की
पंजाब सरकार ने हृदयघात से लोगों को बचाने के लिए मोहाली व लुधियाना में सफलता के बाद स्टेमी परियोजना भी लागू की है जिसके तहत 23 जिलों के सभी जिला और उपमंडल अस्पतालों को दिल के दौरे की स्थिति के दौरान मरीज की जान बचाने के लिए तुरंत कलाट बस्टर ड्रग टैनैकटेपलेस का टीका मुफ्त लगाया जाता है। इस टीके की कीमत 30 हजार रुपये है। एस्टी-सैगमेंट एलीवेटिड मायोकार्डियल इन्फार्कशन (स्टैमी) दिल के दौरे की सबसे गंभीर किस्म है जिसमें मरीजों को उसी समय पर इलाज की जरूरत होती है।
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