24 घंटे अलर्ट मोड पर रहेंगे कर्मचारी, बिजली मंत्री अनिल विज ने दिए निर्देश
Haryana Electricity Department, (आज समाज), चंडीगढ़: हरियाणा में दीवाली पर उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली मिलेंगी। बिजली विभाग ने निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं। ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने सभी अफसरों और कर्मचारियों को अलर्ट मोड पर रखा है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि किसी भी क्षेत्र में दीवाली के दिन बत्ती गुल होगी, तो संबंधित अफसर के खिलाफ कार्रवाई होगी। विभाग ने बिजली चोरी रोकने और फॉल्ट जल्दी ठीक करने के लिए टीमों को फील्ड में तैनात किया है।
13 हजार मेगावाट तक पहुंची डिमांड, विभाग ने बैकअप प्लान किया तैयार
दिवाली के दिन हर जिले में छह लाख यूनिट तक बिजली खपत का विभाग का अनुमान है। इसको देखते हुए सूबे में बिजली की डिमांड 13 हजार मेगा वाट तक पहुंच सकती है। डिमांड को देखते हुए विभाग ने बैकअप प्लान भी बनाया है। साथ ही सप्लाई बाधित न हो इसको लेकर भी तैयारी की गई है। हरियाणा में इस बार जुलाई में सबसे ज्यादा बिजली की डिमांड बढ़ी थी, इस कारण से 16 हजार मेगावाट लोड पहुंच गया था।
विभाग की प्लानिंग
- पेड़ और तारों की सुरक्षा: तेज हवा के कारण लाइट न जाने पाए, इसके लिए पेड़ों की कटाई और छटाई की जा रही है।
- बिजली चोरी पर नजर: चोरी की संभावित जगहों पर टीमें अलर्ट, पकड़े जाने पर सख्त कार्रवाई।
- बिजली सुविधा केंद्र अलर्ट: दिवाली के दौरान रोजाना 400-500 शिकायतें पहुंचने की संभावना, कर्मचारी फॉल्ट समय पर ठीक करेंगे।
- बैकअप प्लान: ट्रांसफॉर्मर और केबलों की जांच, 24 घंटे कार्यरत फॉल्ट टीम, बैकअप ट्रांसफॉर्मर तैयार।
- बढ़ी बिजली खपत का अंदेशा: हर जिले में 6 लाख यूनिट तक खपत, पूरे राज्य में डिमांड 13 हजार मेगावाट तक पहुँच सकती है।
- बिजली उपभोक्ता विवरण: 81,92,187 कनेक्शन, जिनमें 78.39% घरेलू, 8,95,551 गैर-घरेलू, 1,09,686 औद्योगिक और 7,03,590 कृषि उपभोक्ता शामिल हैं।
- कनेक्टेड लोड: कुल 3,93,97,520 किलोवाट, जिसमें घरेलू 1.24 करोड़ किलोवाट, औद्योगिक 1.13 करोड़ किलोवाट और कृषि 84.14 लाख किलोवाट।
बिजली चोरी करने वालों पर की जाएंगी सख्त कार्रवाई
अनिल विज ने निर्देश दिए कि बकाया राशि नहीं चुकाने वाले उपभोक्ताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। जिन गांवों में शत-प्रतिशत बिजली की चोरी हो रही है और रिकवरी की राशि बकाया है, वहां के सरपंच से बातचीत की जाए ताकि रिकवरी की वसूली हो सके।
ऐसे गांवों में रिकवरी के संबंध में एक व्यापक अभियान चलाया जाए और जिला के उपायुक्त सहित अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल किया जाए। नियमित तौर पर रिकवरी की निगरानी उनके द्वारा रखी जाएगी। आदतन बिजली चोरी करने वाले उपभोक्ताओं का डाटा इकट्ठा कर इनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।