यदि अमेरिका ने रूस पर लगाए प्रतिबंध तो विश्व के कई देशों पर पड़ेगा नकारात्मक असर
Business News Update (आज समाज), बिजनेस डेस्क : वर्तमान समय में विश्व के दर्जनों देशों की परेशानी अकेले अमेरिका के राष्टÑपति डोनाल्ड ट्रंप ने बढ़ाई हुई है। वे जब से अमेरिका के दूसरी बार राष्टÑपति बने हैं तभी से अपने अजीबो गरीब फैसलों से विश्व के लिए नई-नई चुनौतियां पेश कर रहे हैं। जब से उन्होंने नई टैरिफ नीति का ऐलान किया है तभी से विश्व के विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
इसी बीच पिछले दिनों अमेरिकी राष्टÑपति ने रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यदि रूस ने इस दिशा में सकारात्मक कदम नहीं उठाए तो वे उसपर सख्त प्रतिबंध लगा देंगे। हालांकि रूसी राष्टÑपति पुतिन ने इस मामले में किसी भी तरह के दबाव के सामने झुकने से इंकार कर दिया है। दरअसल, ट्रंप ने कहा है कि अगर पुतिन 50 दिन के अंदर यूक्रेन में सैन्य अभियान को नहीं रोकते तो उनकी सरकार रूस और उससे व्यापार करने वाले देशों पर 100 फीसदी आयात शुल्क लगाएगी। इतना ही नहीं ट्रंप ने धमकी दी है कि वे रूस से तेल व कुछ अन्य उत्पाद खरीदने वाले देशों पर भी सेकेंडरी टैरिफ लगाएंगे।
अमेरिका के प्रतिबंध से कैसे बदलेगी स्थिति
ट्रंप की इन धमकियों के बाद से ही यह सवाल उठने लगे हैं कि अगर अमेरिका भविष्य में रूस और उससे व्यापार करने वाले देशों पर 100 फीसदी टैरिफ लगा देता है तो इससे कौन-कौन से देश सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे? इसका भारत पर कैसा और कितना असर होगा? भारत और रूस का व्यापार किस तरह प्रभावित होगा? इसके अलावा भारत के किन क्षेत्रों को नुकसान हो सकता है?
अमेरिका इस तरह से रूस पर बना रहा दबाव
माना जा रहा है कि अमेरिका अपने इस फैसले के जरिए रूस के व्यापार की सभी लाइफलाइन बंद करने की तैयारी कर रहा है। पहले ही अमेरिका और यूरोप के कई देशों ने रूस पर व्यापार से जुड़े प्रतिबंध लगाए हैं। उधर अब अमेरिका उन देशों को भी रूस से व्यापार करने से रोकने की तैयारी कर रहा है, जिनके रूसी सरकार से परंपरागत तौर पर अच्छे रिश्ते रहे हैं। इनमें भारत, चीन, ब्राजील, तुर्किये, वियतनाम और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) जैसे देश शामिल हैं।
इस तरह से पड़ेगा असर
अमेरिका में अपने उत्पादों पर अतिरिक्त टैरिफ लगने के डर से यह देश रूस से व्यापारिक रिश्ते तोड़ लें और उससे आयात-निर्यात बंद करें। यह देश रूस से व्यापार जारी रखें और अमेरिका में इनके उत्पाद ज्यादा टैरिफ लगने की वजह से महंगे बिकें। इससे इन देशों को अमेरिका में घाटा हो। गौरतलब है कि भारत लंबे समय से अमेरिका और रूस दोनों से व्यापार में संतुलन रखकर चलता आया है। अपने ऐतिहासिक रिश्तों की वजह से भारत लंबे समय से हथियारों के लिए रूस पर निर्भर रहा है। दूसरी तरफ 2022 में रूस-यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद से भारत ने रूस से तेल का आयात भी बढ़ाया है। मौजूदा समय में रूस से सबसे ज्यादा तेल आयात करने वाले देशों में चीन और भारत सबसे ऊपर हैं।