कहा इसके पुनरुद्धार कार्यों के सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे, उच्च-स्तरीय समिति ने तैयार किया खाका

Chandigarh News (आज समाज), चंडीगढ़: बुड्ढा दरिया के पुनरुद्धार के लिए गठित उच्च-स्तरीय समिति ने पर्यावरण के दृष्टिकोण से इस जल स्रोत को बहाल करने की दिशा में बड़े पैमाने पर हो रही प्रगति की रिपोर्ट प्रस्तुत की है। हाल ही में की गई समीक्षा के अनुसार, जुलाई-अगस्त 2025 की बैठकों के दौरान लिए गए लगभग 90त्न निर्णय लागू किए जा चुके हैं।

इस उच्च-स्तरीय समिति का गठन पंजाब सरकार द्वारा 14 जुलाई 2025 के अधिसूचना के माध्यम से किया गया था। इसकी अध्यक्षता पंजाब के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री श्री संजीव अरोड़ा ने की, जबकि पंजाब के मुख्य सचिव इसके उपाध्यक्ष हैं। इसमें स्थानीय निकाय, जल संसाधन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, पीपीसीबी, पेडा, लोक निर्माण विभाग (बीएंडआर), पीडीसी, आईआईटी रोपड़ के वरिष्ठ अधिकारी तथा लुधियाना के उपायुक्त और नगर निगम आयुक्त सदस्य हैं।

जीरो डिस्चार्ज नीति 100 प्रतिशत लागू

गौ-गोबर और डेयरी अपशिष्ट प्रबंधन के बारे में बताते हुए कैबिनेट मंत्री संजीव अरोड़ा ने कहा कि जीरो-डिस्चार्ज नीति को 100त्न लागू किया गया है। नगर निगम द्वारा घर-घर जाकर अपशिष्ट एकत्र किया जा रहा है। आरएफपी के माध्यम से दीर्घकालिक प्रबंधन साझेदार को शामिल किया जा रहा है, जो नवंबर 2025 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। संयुक्त विभागीय पैदल सर्वेक्षण के बाद 21 अवैध डिस्चार्ज बिंदुओं की पहचान की गई है और एफआईआर दर्ज की गई हैं।

अवैध डेयरियों पर की जा रही कार्रवाई

उन्होंने कहा कि शहर की सीमाओं से बाहर अवैध डेयरियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, जिसमें जिला टास्क फोर्स ने 76 में से 71 अवैध डेयरियों को बंद कराया है। शेष 5 डेयरियां प्रदूषणमुक्त पाई गई हैं और निगरानी में रखी गई हैं। उन्होंने बताया कि सीबीजी प्लांट और अपशिष्ट से ऊर्जा उत्पादन के दीर्घकालिक उपायों पर काम किया जा रहा है। वर्तमान 200 एमटीपीडी सीबीजी प्लांट पूरी तरह से चालू हैं। एचपीसीएल का 300 एमटीपीडी सीबीजी प्लांट निर्माणाधीन है और एक अन्य ऐसा संयंत्र जल्द शुरू होगा। पेडा ने इन निवेशों के लिए मंजूरी और स्वीकृतियां प्रदान की हैं।

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