भारतीय दल इसी सप्ताह करेगा अमेरिका का दौरा, इसी साल समझौते का पहला चरण पूरा होने की उम्मीद

India-US Trade Deal (आज समाज), बिजनेस डेस्क : भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध लगातार उतार-चढ़ाव के बीच आगे बढ़ रहे हैं। एक तरफ जहां अमेरिका ने अगस्त में भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया था। जोकि अभी भी जारी है वहीं भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर चल रही वार्ता भी खटाई में पड़ गई थी। लेकिन उसके बाद दोनों देशों ने व्यापारिक गतिरोध कम करते हुए इसे जारी रखने पर सहमति जताई और सितंबर में अमेरिकी दल भारत आया।

इसके बाद भारतीय दल भी अमेरिका पहुंचा। लेकिन भारतीय दल के दौरे के दौरान ही अमेरिकी राष्टÑपति ने इस बात का ऐलान कर दिया की यदि भारत रूस से तेल खरीदना जारी रखेगा तो अमेरिका भारत के साथ समझौता नहीं करेगा। अब एक बार फिर से इस वार्ता के आगे बढ़ने के संकेत मिले हैं। एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों का एक दल व्यापार वार्ता के लिए इस सप्ताह अमेरिका का दौरा करेगा। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत अच्छी तरह आगे बढ़ रही है।

भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है अमेरिका

इस समझौते का लक्ष्य द्विपक्षीय व्यापार को वर्तमान 191 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 2030 तक 500 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाना है। अमेरिका 2024-25 में लगातार चौथे वर्ष भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना रहेगा, जिसका द्विपक्षीय व्यापार 131.84 बिलियन अमेरिकी डॉलर (86.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निर्यात) होगा।

भारत के कुल वस्तु निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी लगभग 18 प्रतिशत, आयात में 6.22 प्रतिशत तथा देश के कुल वस्तु व्यापार में 10.73 प्रतिशत है। इससे पहले फरवरी में दोनों देशों के नेताओं ने अधिकारियों को प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर बातचीत करने का निर्देश दिया था। समझौते का पहला चरण 2025 अक्तूबर-नवंबर तक पूरी करने की योजना बनाई गई थी। अब तक दोनों देशों के बीव व्यापार वार्ता के पांच दौर पूरे हो चुके हैं।

अमेरिका और चीन के बीच बढ़ी तनातनी

अमेरिका द्वारा पिछले सप्ताह चीन पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने के बाद अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनातनी काफी ज्यादा बढ़ चुकी है। अमेरिका के इस कदम के बाद चीन ने भी घोषणा कर दी है कि वह किसी भी दबाव में नहीं झुकेगा और आने वाले दिनों में चीन पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। इससे साफ हो चुका है कि अमेरिका यदि एक नवंबर से चीन पर नई टैरिफ दरें लागू करता है तो इसके जवाब में चीन भी अमेरिकी सामान पर उच्च दरें लागू करेगा।

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