PM Krishak Mitra Surya Yojana : केंद्र और राज्य सरकारें खेती-बाड़ी के सेक्टर में सिंचाई को आसान और सस्ता बनाने के लिए लगातार कोशिशें कर रही हैं। महंगी बिजली और डीज़ल पर निर्भरता कम करने के लिए सोलर पंप के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा रहा है।
इसी मकसद से, मध्य प्रदेश सरकार ने इस साल प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना शुरू की, जिसका मकसद किसानों को बहुत ज़्यादा सब्सिडी वाली दर पर सोलर-बेस्ड सिंचाई की सुविधा देना है। यह स्कीम खास तौर पर उन किसानों के लिए फायदेमंद है जो कम संसाधनों के कारण सिंचाई के खर्च का बोझ उठाते हैं।
नियमों में बदलावों को मंज़ूरी
हाल ही में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की मीटिंग में इस स्कीम के नियमों में बड़े बदलावों को मंज़ूरी दी गई। इस फैसले को किसानों को ज़्यादा कैपेसिटी वाले सोलर पंप देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
पहले, किसानों को उनके टेम्पररी बिजली कनेक्शन की कैपेसिटी के आधार पर सोलर पंप दिए जाते थे, लेकिन अब उनके पास ज़्यादा कैपेसिटी वाले पंप का ऑप्शन होगा। यह बदलाव उन इलाकों में बहुत काम आएगा जहां सिंचाई की मांग ज़्यादा है और मौजूदा कैपेसिटी काफ़ी नहीं है।
5 HP और 7.5 HP तक के पंप का प्रयोग
नई पॉलिसी के तहत, 3 HP टेम्पररी बिजली कनेक्शन वाले किसान 5 HP का सोलर पंप ले सकेंगे। इसी तरह, 5 HP वाले किसान 7.5 HP तक के पंप चुन सकेंगे। यह सुविधा खास तौर पर उन किसानों के लिए फायदेमंद है जिनके पास बड़ी ज़मीन है या ऐसे इलाके हैं जहाँ पानी का लेवल कम है और जिन्हें ज़्यादा पावरफुल पंप की ज़रूरत है। सरकार का मानना है कि ज़्यादा कैपेसिटी वाले पंप सिंचाई को ज़्यादा असरदार और समय बचाने वाला बनाएंगे।
किसानों को सिर्फ़ 10% करना होगा कंट्रीब्यूट
मध्य प्रदेश सरकार ने साफ किया है कि इस स्कीम के पहले फेज़ में, टेम्पररी बिजली कनेक्शन वाले और बिना बिजली वाले इलाकों के किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी। सरकार 7.5 HP कैपेसिटी तक के सोलर पंप पर 90% तक की सब्सिडी दे रही है। किसानों को सिर्फ़ 10% कंट्रीब्यूट करना होगा।
यह मदद डीज़ल और बिजली की बढ़ती कीमतों के बीच किसानों के लिए एक बड़ी राहत है, क्योंकि सोलर पंप लगाने से सिंचाई का खर्च और फसल की लागत काफी कम हो जाएगी। इससे प्रोडक्शन ज़्यादा फायदेमंद होगा और छोटे और मार्जिनल किसानों के लिए सिंचाई का बेहतर ऑप्शन मिलेगा।
सस्टेनेबल सिंचाई की सुविधा
केंद्र सरकार की पॉपुलर कुसुम-B स्कीम को मध्य प्रदेश में 24 जनवरी, 2025 से प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना के नए नाम और स्ट्रक्चर के साथ लागू किया गया है। यह स्कीम मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम चला रहा है, जो पूरे राज्य में सोलर पंप लगाने, उनकी मॉनिटरिंग और ऑपरेशन के लिए ज़िम्मेदार है।
सरकार को उम्मीद है कि सोलर पंप के बढ़ते इस्तेमाल से न सिर्फ़ किसानों को सस्टेनेबल सिंचाई की सुविधा मिलेगी, बल्कि बिजली सब्सिडी पर फाइनेंशियल बोझ भी कम होगा। इससे पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों का लाइन लॉस भी कम होगा।
आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक ज़रूरी कदम
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सोलर एनर्जी पर आधारित सिंचाई सिस्टम एग्रीकल्चर सेक्टर को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक ज़रूरी कदम है। सोलर पंप की लंबी उम्र, कम मेंटेनेंस और पर्यावरण के अनुकूल कामकाज उन्हें भविष्य के लिए आइडियल बनाते हैं। सोलर पंप बार-बार बिजली कटौती से जूझ रहे किसानों के लिए एक सस्टेनेबल सॉल्यूशन देते हैं।
प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना में इस बदलाव से न सिर्फ़ किसानों की लागत कम होगी, बल्कि खेती-बाड़ी के सेक्टर में रिन्यूएबल एनर्जी की तरफ़ तेज़ी से बढ़ने में भी मदद मिलेगी। यह पहल लंबे समय में राज्य सरकार और किसानों दोनों के लिए फ़ायदेमंद साबित होगी।
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