Recommended to write alternative medicines instead of ramadisvir and tusilizumab: रैमेडिसविर और टुसीलिजुमैब की जगह वैकल्पिक दवाएँ लिखने की सलाह दी

0
243
पट्याला, पंजाब सरकार के सेहत पर परिवार भलाई विभाग के प्रमुख सचिव  हुस्न लाल की तरफ से राज अंदर स्तर -2और स्तर -3सेहत संभाल सहूलतों में दाख़िल कोविड मरीजों के इलाज के लिए इस्तेमाल करे जा रहे टीकों की आ रही कमी के मद्देनज़र इन के बदल इस्तेमाल करे जाएँ बारे पंजाब के सेहत और मैडीकल शिक्षा विभाग के सलाहकार डा. के.के तलवाड़ की तरफ से दी सलाह को ध्यान में रखे जाने के लिए कहा गया है। इस के मद्देनज़र पटियाला के सिवल सर्जन डा. सतीन्द्र सिंह ने आई.ऐम.ए. पटियाला के प्रधान डा. अजाता शत्रु और ज़िलो के समूह निजी अस्पतालों के डाक्टरों को पत्र लिखकर इन टीकों के योग्य बदल इस्तेमाल करे जाने की सलाह दी है।
जबकि ज़िला मैजिस्ट्रेट -कम -डिप्टी कमिशनर पटियाला  कुमार अमित ने भी ज़िला निवासियों को कोविड से बचने के लिए सेहत माहरें और सरकार की हिदायतें की इन्न -बिन्न पालना करन की अपील की है। उन कहा कि कोविड मरीजों के इलाज और संभांल के लिए ज़िला प्रशासन और सेहत विभाग 24 घंटे तत्पर है।  कुमार अमित ने कहा कि कोविड मरीजों के इलाज के लिए इस्तेमाल करे जाने वाले अलग -अलग टीकों और दवाओं की चयन करन सम्बन्धित फ़ैसला डाक्टरों पर छोड़ा जाये इस लिए आम लोग अपने सगे सबंधियों के इलाज के लिए संभावी तौर पर बरताव के लिए रैमेडिसविर और टुसीलिजुमेब टीकों की किसी भी तरह की मना कर में न आने।
सरी कुमार अमित ने प्रमुख सचिव सेहत विभाग पंजाब  हुस्न लाल के पत्र के हवाले के साथ बताया कि इंजेक्शन टुसीलिजुमेब देश न बनता होने के कारण, देश में इस इस की उपलबद्धता भी कम है। उन कहा कि सेहत माहिरों के डाक्टर के.के. तलवाड़ का नेतृत्व निचले ग्रुप की तरफ से भी उक्त टीको की आसनी के साथ उपलबद्धता न होने की सूरत में उसी तरह के प्रभाव वाले मार्केट में मौजूद इंजेक्शन इटोलीजुमैब या इंजेक्शन डैकसामिथासोन की हंगामी हालत में बहुत ही गंभीर मरीजों के लिए प्रयोग करन का सुझाओ दिया है।
सिवल सर्जन डा. सतीन्द्र सिंह ने अपने पत्र में कहा कि कोविड महामारी कारण कई अस्पतालों की तरफ से मरीजों को रैमेडिसविर और टुसीलिजुमैब टीके लगाने के लिए लिखा जा रहा है परंतु इन टीकों की मार्केट में उपलबद्धता की कमी कारण मरीजों को काफ़ी दिक्कत आ रही हैं। इस लिए इन टीकों की मार्केट में उपलबद्धता होने तक इन टीकों की जगह कोई ओर दवा लिखी जाये, जिससे मरीजों को कोई परेशानी न हो।
SHARE