Farmers, markets and roads were deserted against agriculture ordinance: कृषि अध्यादेश के खिलाफ उतरे किसान, बाजार और सडकें रही सुनसान

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अंबाला सिटी।  केंद्र सरकार द्वारा लागु किए गए कृषि संसोधित बिल के खिलाफ भारतीय किसान युनियन समेत अन्य किसान दलों का शुक्रवार भारत बंद रहा। जिसका असर अंबाला में भी देखने को मिला। अंबाला के सडकें हो या फिर बाजार किसानों के आंदोलन के चलते सब सुनसान रहे। हालांकि कई जगह पहले दुकानें व बाजार खुले थे। जिसे आंदोलन में शामिल किसानों ने जबरन बंद करवाया। इसको लेकर किसानों के अलग-अलग गुट शहर की सडकों पर थे। किसानों का यह आंदोलन अंबाला की सडकों पर पुरा दिन चलता रहा।
शंभु बार्डर सील
कृषि अध्यादेश के खिलाफ भारत बंद का असर शुंभ टोल प्लाजा पर भी देखने को मिला। किसानों के भारत बंद के चलते इसे बंद कर दिया गया। पुरा ही दिन यह सुनसान रहा और लाखों रुपए की चपत सरकार को लगी। वहीं अंबाला पुलिस ने पहले ही यात्रियों को अपने गणतव्य तक पहुंचने में परेशानी न हो उसके लिए रोड़ डायवर्ट कर दिया गया था।
यात्रियों को हुई परेशानी
किसानों के आंदोलन के चलते कई यात्रियों को परेशानियों से भी झूझना पड़ा। शुंभ बार्डर पर यात्री अपना सामान लेकर पैदल ही अपने गणत्तव्य तक चलते नजर आए। यात्रियों ने बताया कि सरकार को चाहिए कि किसानों के साथ बातचीत करें और इसका कोई हल निकालें । ताकि आम लोगों को आंदोलनों के चलते हर-रोज परेशानियों से दोचार न होना पड़ा।
शुंभ बार्डर पर पंजाब की तरफ थे हजारों किसान, पंजाबी सिंगरों ने बढ़ाया हौंसला
अंबाला के साथ लगते शंभु बार्डर यानि टॉल प्लाजा से पंजाब की तरफ हजारों की संख्या में किसान हाईवे पर डेरा डाले बैठे रहे। यही कारण था कि टॉल प्लाजा को बंद करना पड़ा। किसानों की मांग थी कि मोदी सरकार किसानों के लिए बनाने नए कानून वापिस लें, क्योंकि यह किसान विरोधी है। उधर पंजाब के किसानों का हौंसला बढ़ाने के लिए पंजाबी सिंगर सिप्पी गिल, कंवर ग्रेवाल, रूपिंद्र हांडा समेत अन्य पंजाबी हसतियां इस आंदोलन में पहुंचे और किसानों का समर्थन करते हुए उनका जोश बढ़ाया।
एंबुलेंस को दी जगह, फोजियों की गाड़ी को भेजा वापिस
उधर शुंभ बार्डर पर वैसे तो अंबाला पुलिस की ओर से किसी वाहन को जाने की परमिशन नहीं थी। मगर पुलिस एंबुलेंस व देश के जवानों की गाड़ियों  को जाने की इजाजत दे रही। शंभु बार्डर पर प्रदर्शन कर रहें किसानों ने एबुलेंस का रास्ता नहीं रोका। मगर देश के जवान यानि फोजियों की गाडिय़ों को रोक लिया और आगे नहीं जाने दिया। इससे पहले देश के जवानों ने कई बार किसानों से आग्रह भी किया। मगर किसानों ने उनकी एक नहीं मानी और जाम किए हुए रास्ते से नहीं जाने दिया।
इसलिए किसान कर रहें विरोध
अध्यादेश के अनुसार अब व्यापारी मंडी से बाहर भी किसानों की फसल खरीद सकेंगे। पहले किसानों की फसल को सिर्फ मंडी से ही खरीदा जा सकता था। वहीं केंद्र ने अब दाल, आलू, प्याज, अनाज, इडेबल आॅयल आदि को आवश्यक वस्तु के नियम से बाहर कर इसकी स्टॉक सीमा खत्म कर दी है। इन दोनों के अलावा केंद्र सरकार ने कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग को बढ़ावा देने की भी नीति पर काम शुरू किया है, जिससे किसान नाराज हैं।
कुछ इस तरह का पूरे दिन का घटनाक्रम
अंबाला शहर में अनाज मंडी में आज बड़ी संख्या में किसान जमा हुए थे। अनाज मंडी से ये किसान गाड़ियो, ट्रैक्टर ट्रालियों में व पैदल मार्च निकालते हुए अग्रसेन चौक, कपड़ा मार्केट, रेलवे रोड, पुराना सिविल अस्पताल रोड, जगाधरी गेट व अन्य बाजारो में गये। इस दौरान प्रदर्शनकारी किसानो ने दुकानदारो कोे दुकाने बंद रखने को कहा। दुकानदारो ने भी उनके समर्र्थन में अपनी दुकाने बंद कर दी, लेकिन दोपहर बाद कुछ बाजारो में स्थिति सामान्य हो गयी थी और  दुकानें खुल गयी थी। किसान नेताओ ने इसके बाद जनसमूह को जगाधरी गेट के पास संबोधित किया। किसान नेताओ ने कहा कि केंद्र सरकार किसानो को बर्र्बाद करने पर तुली हैै। किसान व किसानी को सरकार पंूजीपतियो के हवाले कर रही है। यदि आने वाले समय में यह अध्यादेश वापिस न हुए तो देश का किसान बर्बाद हो जायेगा।

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