Combat stress for the strength of society: Yogesh Gambhir: समाज की मज़बूती के लिए तनाव का डट कर मुकाबला करो:योगेश गंभीर 

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कपूरथला/पटियाला  ज़िन्दगी को तनाव मुक्त बनाने के लिए प्रभावशाली तनाव मुक्त प्रबंध होना बहुत ज़रूरी है, इस के साथ ही जीवन को ख़ुशहाल, तंदरुस्त और लाभकारी बनाया जा सकता है।  ज़िंदगी में आगे से आने वाली चुणौतियों का सामना करने के लिए यह ज़रूरी है कि हम संतुलित जीवन -जांच अपनाएं, जिसमें ज़िंदगी के हरेक पहलू को समय दिया जाये, काम के समय काम,आराम का समय आराम, और इस साथ-साथ स्व -आलोचना और सामाजिक संबंधों को भी पूरा वक्त दिया जाना लाज़िमी है। तनाव मुक्त प्रबंध का असली अर्थ है कि हम यह जानें कि तनाव के स्रोत क्या हैं भाव तनाव पैदा कहाँ से होता है। तनाव मुक्ति के लिए हमें सभी को चार “ए  (अवाईड, अलटर, ऐकसैपट और एडाप्ट) भाव बचो, बदलो, स्वीकार और अनुकूल के सिद्धांत को रोज़ानों के जीवन में अपनाना चाहिए।इन विचारों को व्यक्त करते हुए साइंस सीटी की तरफ से “कोविड -19 के समय दौरान तनाव मुक्त प्रबंध पर करवाए गए वैबिनार दौरान राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त अध्यापक योगेश गंभीर ने किया।

 उनहोंने ताया कि कोरोना की बीमारी भाव कोविड -19 की महामारी ने हमारे सभी के अंदर डर, चिंता और तनाव पैदा किया हुआ है, जो कि हमारी ज़िंदगी में आए रूखे और चिड़चिड़ेपन का मुख्य कारण है। इस चिड़चिड़ेपन के कारण ही न हम अच्छी तरह से कर सकते हैं और न ही किसी काम पर हमारी एकाग्रता बनती है, बस हर तरफ़ उदासी का आलम है। इस भय और उदासी ने बच्चों और बुज़ुर्गों में कई तरह की नयी बीमारियाँ पैदा की हैं। जैसे कि एकांतवास के समय जब किसी को भी अकेला छोड़ा जाता है तो इस मौके पैदा हुआ तनाव और चिंता जानलेवा सिद्ध होते हैं। इस के बवाजूद कोविड -19 के फैलाव को रोकने के लिए एकांतवास बहुत ज़रूरी है। समाज की मज़बूती के लिए एकांतवास दौरान भी इस तनाव का हमें डट कर मुकाबला करना चाहिए।

इस मौके साइंस सिटी की डायरैक्टर जनरल डा. नीलिमा जेरथ ने कहा कि कसरत हमारी शारीरिक प्रणाली में से ऐंडरोफ़िन (कुदरती रसायन) निकालने में सहायता करता है, इस के साथ हमारे स्वभाव में सकारात्मकता आती है। इसी तरह योगा की क्रियायों भी जहाँ हमें तंदरुसत रखतीं वहाँ साथ-साथ हमारा दिमाग़ भी शांत रहता है। उन्होंने कहा कि तंदरुस्त मुलाज़िम जो तनाव मुक्त हो कर काम करते हैं, वह हमेशा ही खुश और अन्य ज्यादा सकारात्मक हैं। तनाव मुलाजिमों के काम कतराने  का भी एक प्रमुख कारण है।

इस मौके साइंस सिटी के डायरैक्टर डा. राजेश ग्रोवर ने कहा कि आज के दौर में हमारी ज़िंदगी का मुख्य उद्देश्य ही तनाव मुक्त प्रबंध है, इसकी प्राप्ति के लिए तंदरुस्त और सेहतमंद जीवन शैली, काम में महारत और समय प्रबंध का होने बहुत ज़रूरी है।

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