14 replaced by one PEB in Police Department: पुलिस विभाग में एक की जगह 14 पीईबी कर दी गई गाठित

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चंडीगढ़। चंडीगढ़ पुलिस डिपार्टमेंट एक ऐसा डिपार्टमेंट बन गया है जहां एक पीईबी की जगह अब वर्तमान में अलग-अलग यूनिटों की 14 पीईबी गाठित कर दी गई हैं। वैसे नियमों के तहत अन्य विभागों की तरह पुलिस डिपार्टमेंट में भी एक ही पीईबी होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत इस पीईबी में डीजीपी चेयरमैन होगा और डीजीपी के बाद विभाग के चार सबसे सीनियर आईपीएस अधिकारी इस कमेटी के सदस्य होंगे। इस कमेटी की बैठक में ही ट्रांसफर और पोस्टिंग के अलावा विभाग के कर्मचारियों के प्रमोशन समेत महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे। लेकिन चंडीगढ़ पुलिस के तत्कालिन डीआईजी ओपी मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट के जज्मेंट को पूरी तरह दरकिनार कर 28 अगस्त 2018 को पुलिस विभाग के अलग-अलग यूनिटों में 14 पीईबी गाठित करने के आदेश निकाल दिए।
इन आदेशों के तहत यूनिटों में गाठित की गई पीईबी को कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर लेवल तक के कर्मचारियों के ट्रांसफर की पॉवर दे दी गई। लेकिन इस बात पर बिल्कूल भी गौर नहीं किया गया कि यदि यूनिटों में ही ट्रांसफर हुए तो कर्मचारी सेंसटिव से नॉनसेंसटिव पोस्टों पर जाने की बजाए सेंसटिव से सेंसटिव पदों पर ही ट्रांसफर होते रहेंगे। सूत्र बताते हैं कि यूनिट लेवल पर किए जाने वाले ट्रांसफरों के लिए गाठित की गई इन पीईबी में एसएसपी चंडीगढ़ की चेयरमैनशिप वाली कमेटी में तो कुछ ट्रांसफर हुए भी। लेकिन अन्य यूनिटों में गाठित की गई कई यूनिटों में अब तक कोई इंटरनल ट्रांसफर किए ही नहीं गए। इस पूरे मसलें पर जब चंडीगढ़ पुलिस प्रवक्ता चरनजीत सिंह विर्क को मैसेज भेज संबंधित अधिकारी का पक्ष मांगा गया तो खबर लिखे जाने तक उनकी ओर से न तो मैसेज और न ही फोन का कोई जवाब
दिया गया।
पार्ट-7 सॉफ्टेवयर में कल पढ़ें किए
गए खेल और बाद में हुए ट्रांस्फर की कहानी..
आज समाज ‘ट्रांसफर के खेल’ के तहत चलाई जा रही विशेष सीरिज में कल हम आपको बताएंगे पुलिस डिपार्टमेंट में बने ट्रांसफर सॉफ्टेवयर में किए गए खेल और बाद में किए गए ट्रांसफर की कहानी। डिजाइन किए गए ट्रांसफर सॉफ्टेवयर में थानों की जगह सभी को डाल दिया गया डिस्ट्रिक्ट कैटगरी में। जिसके बाद थाने से किसी का डिस्ट्रिक्ट यानी थानों में ही तो किसी की थाने से ट्रैफिक विंग में हो गई तैनाती। जबकि दोनों ही विंग सेंसटिव पोस्टों में आती है और सीवीसी के तहत ट्रांसफर सेंसटिव से नॉन सेंसटिव पोस्टों पर ही होने चाहिंए।

स्पेशल सीरीज के पीछे आइना दिखाना है मकसद..
पीईबी ब्रांच में लंबे समय से चले आ रहे ‘ट्रांसफर के इस खेल’ को उजागर करने के लिए आज समाज की ओर से चलाई जा रही विशेष सीरिज का एक मात्र उद्देश्य केवल आइना दिखाना है। हम वहीं बयां कर रहे है जो हकीकत और कागज कहते है। देखने वाली बात यह है कि आइना देखकर खाकी पर लग रहे इस दाग को वरिष्ठ अधिकारी धोने का काम करते है या फिर उनके लिए यह दाग अच्छे है।

स्पेशल सीरीज के पीछे आइना दिखाना है मकसद..
पीईबी ब्रांच में लंबे समय से चले आ रहे ‘ट्रांसफर के इस खेल’ को उजागर करने के लिए आज समाज की ओर से चलाई जा रही विशेष सीरिज का एक मात्र उद्देश्य केवल आइना दिखाना है। हम वहीं बयां कर रहे है जो हकीकत और कागज कहते है। देखने वाली बात यह है कि आइना देखकर खाकी पर लग रहे इस दाग को वरिष्ठ अधिकारी धोने का काम करते है या फिर उनके लिए यह दाग अच्छे है।
पीईबी का गठन..
पुलिस ईस्टेबलिशमेंट बोर्ड का गठन 2007 में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद हुआ। साल 2007 में पीईबी के गठन से पहले चंडीगढ़ पुलिस में होने वाले ट्रांसफर ओएसआई ब्रांच किया करती थी। लेकिन साल 2006 में डीजीपी प्रकाश सिंह वर्सेज यूपी स्टेट एवं अन्य के केस में सुप्रीम कोर्ट की ओर से सुनाए गए जजमेंट और दी गई डायरेक्शन के बाद देश भर के अन्य राज्यों की तरह चंडीगढ़ में पुलिस कंप्लेंट आॅथोरिटी और पीईबी का गठन हुआ। पीईबी को लेकर डायरेक्शन थी कि चेयरमैन डीजीपी और उसके बाद विभाग में पदास्थ चार सबसे सीनियर आईपीएस अधिकारी मेंबर होंगे। पीईबी की यह कमेटी ट्रांसफर के अलावा विभाग के प्रमोशन समेत अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लेगी।
सिंग्ल हैंड ट्रांसफर रोकने के लिए गाठित की गई थी पीईबी..
सुप्रीम कोर्ट ने कोई भी आईपीएस अधिकारी सिंग्ल हैंड अकेले तौर पर ट्रांसफर न कर सके। इस लिए डीजीपी की अध्यक्ष में पीईबी का गठन करना निदेशित हुआ था। मेंबर के तौर पर 4 सीनियर आईपीएस अधिकारी को रखने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन चंडीगढ़ की अलग-अलग यूनिटों में गाठित पीईबी में चेयरमेन एसएसपी व एसपी लेवल के अधिकारियों और मेंबर डीएसपी व इंस्पेक्टर लेवल के अधिकारियों को बनाना आदेशों का उल्लंघन है।
नोटिफिकेशन के बाद लागू एक्ट की भी कर रहे उल्लंघना..
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद दूसरे राज्यों की तरह 2007 के बाद चंडीगढ़ में पीईबी गाठित हुई थी। लेकिन 29 मार्च 2010 को चंडीगढ़ में नए पंजाब पुलिस एक्ट 2008 को एमएचए की नोटिफिकेशन के द्वारा लागू कर दिया गया। जिसके बाद यह पूरी तरह साफ हो गया कि चंडीगढ़ पुलिस में जो कुछ भी होगा वह नए पंजाब पुलिस एक्ट-2008 के मुताबिक होगा। जिसकी सेक्शन-32 के तहत प्रशासक चंडीगढ़ को पुलिस इस्टेबलिशमेंट बोर्ड (पीईबी) के स्थान पर पुलिस इस्टेबलिशमेंट कमेटी बनानी थी। जिसमें चंडीगढ़ पुलिस के हेड को चेयरमैन ,एसएसपी रैंक और एसपी रैंक या उससे उपर रैंक के दो अधिकारी को मेंबर बनाना था। लेकिन चंडीगढ़ में वर्तमान में समय में भी पुलिस इस्टेबलिशमेंट कमेटी के बजाए पीईबी ही चली आ रही है। जिसे भी एक पीईबी की स्थान पर 2018 में डीआईजी ओपी मिश्रा ने आदेश निकाल 14 पीईबी अलग-अलग यूनिटों में गाठित करा दी।

-परीक्षित सिंह

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