Starlink: स्टारलिंक को भारत में इंटरनेट सेवा शुरू करने की मिली मंजूरी

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Starlink: स्टारलिंक को भारत में इंटरनेट सेवा शुरू करने की मिली मंजूरी
Starlink: स्टारलिंक को भारत में इंटरनेट सेवा शुरू करने की मिली मंजूरी

100 से ज्यादा देशों में उपलब्ध है यह सेवा
Starlink (आज समाज) नई दिल्ली: एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक को भारत सरकार से उपग्रह आधारित इंटरनेट सेवा शुरू करने की आखिरी मंजूरी मिल गई है। यह सेवा पहले से ही 100 से ज्यादा देशों में उपलब्ध है और सीधे आकाश दिखने वाले किसी भी स्थान पर काम कर सकती है यानी भारत के सबसे दूरदराज इलाकों में भी इंटरनेट अब संभव होगा।

5 वर्षों के लिए वैध है मंजूरी

IN-SPACe (इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन) ने स्टारलिंक को 5 वर्षों के लिए भारत में वाणिज्यिक संचालन की मंजूरी दी है। यह मंजूरी 7 जुलाई 2030 तक वैध है और कंपनी अपने Gen1 उपग्रहों के जरिए सेवा दे सकेगी। Starlink, OneWeb और Jio के बाद तीसरी कंपनी बन गई है जिसे भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा की अनुमति मिली है।

भारत में Starlink की साझेदारी

Jio ने Starlink के साथ समझौता किया है और इसके उपकरणों को अपने रिटेल स्टोर्स से बेचने की योजना है। Airtel भी Starlink के साथ साझेदारी कर रहा है ताकि दूरस्थ इलाकों में इंटरनेट पहुंचाया जा सके। भारत में स्टारलिंक का सीधा मुकाबला BSNL “Direct to Device” से है। कंपनी सेवा पर काम कर रही है, जो उपग्रह और मोबाइल नेटवर्क को जोड़कर सीधे Android डिवाइस पर इंटरनेट सेवा देगा। यह टेक्नोलॉजी दूर-दराज इलाकों में मोबाइल कनेक्टिविटी की समस्या को सुलझा सकती है।

Starlink बेहतर क्यों?

Starlink फाइबर ऑप्टिक जैसी जमीन पर आधारित संरचना पर निर्भर नहीं करता। इसकी सेवा हजारों छोटे उपग्रहों के नेटवर्क के जरिए मिलती है, जो एक-दूसरे से लेजर के जरिए जुड़ते हैं। इससे कम लेटेंसी और तेज स्पीड मिलती है, जो पारंपरिक सैटेलाइट सेवाओं (जैसे Viasat, HughesNet आदि) में नहीं मिलती।