Rahane in England’s battle: इंग्लैंड के रण में रहाणे 

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2019 में टेस्ट चैंपियन शिप की शुरुआत हुई और 18 जून 2021 में खेला जाएगा इस चैंपियनशिप का फ़ाइनल .. वैसे तो टीम इंडिया क फ़ाइनल में पहुँचाने में हर खिलाड़ी का योगदान रहा .. पर सबसे बड़ा रोल निमाने का काम रहाणे की रनबाजी ने …..

आज बात उस खिलाड़ी की जिसने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाए हैं। वो खिलाड़ी हैं टेस्ट टीम में भारत के उपकप्तान- अजिंक्य रहाणे। बड़ी बात ये है कि टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली सहित ज्यादातर खिलाड़ियों से उलट इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में उन्होंने अपने करियर औसत से बेहतर रन बनाए हैं। रहाणे से जुड़ी और बातें करें उससे पहले आपको बता दें कि उन्होंने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में 17 मैच खेले हैं। इन 17 मैच में उनके खाते में 1095 रन हैं। इसमें तीन शतक शामिल हैं। उन्होंने 41.28 की अपनी टेस्ट करियर औसत से बेहतर वर्ल्ड चैंपियनशिप के मैचों में 43.80 की औसत से रन बनाए हैं। ये बढ़त अगर आपको मामूली लग रही है तो पहले जान लीजिए कि ऐसा करने वाले वो टीम इंडिया के गिने चुने बल्लेबाजों में हैं। ज्यादातर खिलाड़ियों की औसत वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के मैचों में गिरी है। लिहाजा मामूली सी दिखने वाली ये बढ़त भी बहुत उपयोगी है। रहाणे 6 जून को अपना 33वां जन्मदिन मनाने के बाद ही मैदान में उतरेंगे। उनके पास भी अपने करियर में वर्ल्ड चैंपियन कहलाने का ये बड़ा और संभवत: आखिरी मौका है।

वर्ल्ड चैंपियन जीतना सपने साकार करने जैसा

अजिंक्य रहाणे भी चेतेश्वर पुजारा की तरह ही भारत के टेस्ट स्पेशलिस्ट खिलाड़ी हैं। इन्हीं दोनों खिलाड़ियों ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के सभी 17-17 मैच खेले हैं। रहाणे टीम इंडिया में वनडे और टी-20 फॉर्मेट का हिस्सा नहीं हैं। यानी उनके पास इन दोनों फॉर्मेट में वर्ल्ड चैंपियन बनने का मौका नहीं आएगा। लिहाजा उनके पास वर्ल्ड चैंपियन का तमगा सिर्फ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के जरिए ही आ सकता है। रहाणे की उम्र का जिक्र हमने शुरू में इसीलिए किया था क्योंकि इस सीजन के बाद टेस्ट चैंपियनशिप का जो दूसरा सीजन शुरू होगा उसके मैच 2023 तक खेले जाएंगे। बतौर बल्लेबाज रहाणे अगले दो साल क्रिकेट खेल सकते हैं। लेकिन जिस तरह की प्रतिस्पर्धा वाली क्रिकेट इस वक्त पूरी दुनिया में खेली जा रही है उसमें दो साल तक का इंतजार अनिश्चितता को बहुत ज्यादा बढ़ाने वाला ही है।

न्यूजीलैंड के खिलाफ रहाणे के रिकॉर्ड शानदार हैं। कीवियों के खिलाफ तो उनकी करियर औसत में अच्छा खासा उछाल है। उन्होंने 7 मैच में 600 रन बनाए हैं। उनकी औसत 50 की है। खाते में 2 शतक भी हैं। दिलचस्प बात ये है कि इसमें एक शतक उन्होंने कीवियों के खिलाफ उन्हीं के घर में लगाया है। हां, लेकिन रहाणे को इस बात की चिंता जरूर होगी कि इंग्लिश पिचों पर उनका रिकॉर्ड अच्छा नहीं है। इंग्लैंड में खेले गए 10 टेस्ट मैच में उन्होंने सिर्फ 29.26 की औसत से रन बनाए हैं। उनके खाते में सिर्फ 556 रन हैं। गिनाने के लिए सिर्फ एक शतक। हालांकि बड़ी बात ये है कि वो शतक उन्होंने अपने करियर के बिल्कुल शुरूआती दौर में क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स में लगाया था।

आस्ट्रेलिया में शानदार कप्तानी बल्लेबाज़ी में रवानी

अजिंक्य रहाणे ने भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे में बेहद मुश्किल परिस्थिति से टीम को बाहर निकाला था। सीरीज के पहले मैच में भारत को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था। टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में पहली बार भारतीय टीम सिर्फ 36 रन के स्कोर पर सिमट गई थी। इस हार के बाद टीम इंडिया के नियमित कप्तान विराट कोहली व्यक्तिगत वजहों से भारत वापस लौट आए थे। ये उनका पूर्व निर्धारित कार्यक्रम था। विराट की गैरमौजूदगी में रहाणे ने टीम की कमान संभाली। अगला टेस्ट मैच मेलबर्न में था। जिसमें अजिंक्य रहाणे ने पहली पारी में शानदार शतक लगाया। उन्होंने करीब 6 घंटे बल्लेबाजी की और 112 रन बनाए। भारत ने इस टेस्ट मैच में जीत हासिल की। रहाणे इस जीत के नायक थे। उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया। वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल तक के सफर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में मिली जीत बेहद अहम है। जो रहाणे की कप्तानी में मिली थी। इस एतिहासिक जीत का आत्मविश्वास रहाणे को ताकत देगा। यूं तो रहाणे अब वनडे क्रिकेट से दूर हैं। लेकिन इंग्लैंड में उनकी एक वनडे पारी का जिक्र आज जरूरी है। साल 2014 की बात है। इंग्लैंड दौरे पर भारत चौथा वनडे मैच खेल रही थी। धोनी भारतीय टीम के कप्तान हुआ करते थे। उस मैच में भी अजिंक्य रहाणे ने कमाल का शतक लगाया था। रहाणे ने उस मैच में ओपनिंग की थी। उन्होंने 100 गेंद पर 106 रन बनाए थे। इसमें 10 चौके और 4 छक्के शामिल थे। उस मैच में रहाणे ने एंडरसन जैसे सधे अनुभवी गेंदबाजों को भी करारे शॉट्स लगाए थे। हालांकि बाद में वो सिर्फ टेस्ट टीम का ही हिस्सा रहे। वनडे क्रिकेट खेले अजिंक्य रहाणे को करीब तीन साल का वक्त बीत चुका है। इस दौरान उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में अपनी साख बढ़ाई है। अब उसी साख को कायम रखने की लड़ाई है। कुल मिलाकर रहाणे रंग में रहे तो टेस्ट चैंपियनशिप का ताज विराट के सिर सजतकलगी रहेगा

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