पीवी सिंधु ने पूरी दुनिया में नाम रोशन किया

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P. V. Sindhu
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बैडमिंटन की दुनिया में भारत का तिरंगा लहराने वाली भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु का आज जन्मदिन है। साल 1995 में उनका जन्म हुआ था। पीवी सिंधु ने बहुत छोटी उम्र में ही बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया था। इसका एक कारण ये भी था कि पीवी सिंधु को खेल विरासत में मिला, उनके माता पिता दोनों ही खिलाड़ी रहे हैं वे भी बड़े खिलाड़ियों में शुमार किए जाते हैं। पीवी सिंधु के माता पिता बैडमिंटन नहीं, बल्कि बॉलीबॉल के खिलाड़ी रहे हैं, लेकिन सिंधु ने अपने लिए बैडमिंटन चुना खेलते खेलते एक दिन देश में शीर्ष पर पहुंचने में कामयाब रहीं। बैडमिंटन की दुनिया में एक बड़ा खिलाड़ी हुआ, उनका नाम है पुलेला गोपीचंद। पुलेला गोपीचंद बाकी खिलाड़ियों की तरह पीवी सिंधु के भी गुरु हैं। उन्हीं से सिंधु ने बैडमिंटन की बारीकियां सीखी एक दिन बड़ा नाम बन गई।

पीवी सिंधु के करियर में सबसे ज्यादा अहम था साल 2013 जब पीवी सिंधु ने विश्व चैंपियनशिप में कॉस्य पदक जीता। उनसे पहले ये कारनामा किसी भी भारतीय ने कभी नहीं किया था, यानी वे ऐसा करने वाली पहली भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। पीवी सिंधु इसके बाद यहीं पर नहीं रुकीं, लगातार मेडल देश की झोली में डालती रहीं देश का तिरंगा पूरी दुनिया में लहराने का काम किया। पीवी सिंधु ने जो कुछ देश के लिए किया, उसके लिए उन्हें देश के कई बड़े प्रतिष्ठित अवार्ड भी मिले। पीवी सिंधु के पिता भी अर्जुन अवार्डी रह चुके हैं। इसके बाद पीवी सिंधु ने भी तमाम बड़े पुरस्कार अपने नाम किए। पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए उन्होंने अर्जुन अवार्ड अपने नाम किया, इसके बाद पद्मश्री, खेल रत्न पद्म भूषण से भी पीवी सिंधु नवाजी जा चुकी हैं। अब पीवी सिंधु ने रिटायरमेंट ले लिया है। पिछले साल ही उन्होंने संन्यास का ऐलान कर दिया था। पीवी सिंधु ने जो कुछ किया वे युवा भारतीय दुनियाभर की लड़कियों के लिए एक मिसाल हैं। पीवी सिंधु को देखकर लड़कियों ने बैडमिंटन खेलना शुरू किया आने वाले वक्त में वे भी भारत का नाम रोशन करती हुई दिखाई देंगी।

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