Pakistan’s exam in the first test: पहले टेस्ट में पाकिस्तान की बल्लेबाज़ी का कड़ा इम्तिहान

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होम कंडीशंस, वेस्टइंडीज़ के खिलाफ पिछली सीरीज़ की जीत का लाभ, अनुभवी फास्ट बॉलिंग अटैक और बैटिंग में अपनी कमज़ोरियों से निजात…..ये सब खूबियां इस समय इंग्लैंड टीम के पास हैं जिसका फायदा वह पाकिस्तान के खिलाफ बुधवार से मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान में उठाने के इरादे से उतरेगी। वहीं पाकिस्तान टीम का लम्बे समय से क्रिकेट से दूर रहना, अनुभवहीन अटैक और बल्लेबाज़ी में एक या दो खिलाड़ियों पर निर्भर रहना उसकी सबसे बड़ी परेशानियां हैं।

इंग्लैंड की टीम होम कंडीशंस का फायदा उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ती। जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड का जो परफॉर्मेंस इंग्लैंड की कंडीशंस में रहता है, वैसा इंग्लैंड के बाहर नहीं रहता। दोनों 500 से ज़्यादा टेस्ट विकेट ले चुके हैं। वेस्टइंडीज़ के खिलाफ ब्रॉड ने साबित कर दिया कि कंडीशंस का उनसे बेहतर इस्तेमाल शायद ही कोई कर पाए। खासकर उनकी निब बैकर गेंदें खूब कहर बरपाती हैं। वेस्टइंडीज़ के खिलाफ उन्होंने ऐसी गेंदों का खूब इस्तेमाल किया। ऐसी गेंदें तेज़ी से अंदर की ओर आकर स्किड करती हैं। वहीं एंडरसन को वेस्टइंडीज़ के खिलाफ उतना स्विंग नहीं मिला जिसके लिए वह जाने जाते हैं। क्रिस वोक्स ने एक अच्छे सहयोगी गेंदबाज़ की भूमिका को बखूबी निभाया है। उनके पास उछाल भी है और अच्छा मूवमेंट भी है। इसके अलावा जोफ्रा आर्चर की शॉर्ट पिच बाउंसर खासी खतरनाक हैं जो पाकिस्तान के शीर्ष क्रम पर दबाव बनाने का काम कर सकती हैं। वहीं इनके मुक़ाबले पाकिस्तान के गेदबाज़ी आक्रमण में अनुभव की कमी है। बाएं हाथ के शाहीन शाह आफरीदी और दाएं हाथ के नसीम शाह युवा हैं लेकिन इन्हें इंग्लैंड में खेलने का कोई अनुभव नहीं है। पाकिस्तान के कोच मिस्बाह उल हक ने साफ कर दिया है कि नसीम शाह अकेले ही इंग्लैंड के बल्लेबाज़ी क्रम को ध्वस्त करने का माद्दा रखते हैं। मोहम्मद अब्बास और सोहेल खान के पास अनुभव है लेकिन खासकर सोहेल खान के टीम से अंदर बाहर होने से उनके लय में रहना ही बड़ी चुनौती होगा। मोहम्मद अब्बास के लिए इंग्लैंड का पिछला अनुभव कारगर साबित हो सकता है। दो साल पहले लॉर्ड्स टेस्ट में उन्होंने आठ विकेट चटकाकर इंग्लैंड के बल्लेबाज़ों को बैकफुट पर धकेल दिया था। अब अगर वहाब रियाज़ टेस्ट क्रिकेट में वापसी करते हैं तो वह ज़रूर अपने अनुभव का इस्तेमाल करते हुए अपनी टीम के लिए एसेट साबित हो सकते हैं।

स्पिन बॉलिंग में पाकिस्तान का पलड़ा भारी है। टीम के चीफ कोच मिस्बाह उल हक पहले टेस्ट में दो स्पिनर खिला सकते हैं। उनका कहना है कि सुबह पिच की कंडीशंस और मौसम को देखकर वो इस बारे में अंतिम फैसला लेंगे। पाकिस्तान के पास यासिर शाह जैसा अनुभवी लेग स्पिनर है जिन्होंने चार साल पहले लॉर्ड्स टेस्ट में दस विकेट चटकाकर पाकिस्तान की जीत में अहम भूमिका निभाई थी। ओल्ड ट्रैफर्ड में वेस्टइंडीज़-इंग्लैंड मैच में पहले दिन स्पिनरों को मदद मिली थी। ऐसी स्थिति में वो अपनी टीम के लिए ट्रम्प कार्ड साबित हो सकते हैं। इसके अलावा टीम में एक अन्य लेगस्पिनर शादाब खान और बाएं हाथ के स्पिनर काशिफ भट्टी हैं। काशिफ यदि यासिर के साथ खेलते हैं तो पाकिस्तान के आक्रमण में विविधता आएगी लेकिन काशिफ एक भी टेस्ट नहीं खेले हैं लेकिन उन्हें इंग्लैंड ने गेंदबाज़ी करते हुए भी नहीं देखा है। अगर उन्हें मौका मिलता है तो उनका सामना करना इंग्लैंड के बल्लेबाज़ों के लिए चुनौतीपूर्ण रहेगा। शादाब खान हालांकि ज़्यादा प्रतिभाशाली हैं लेकिन टीम में दो लेगस्पिनरों को खिलाने का पाकिस्तान जोखिम शायद ही उठाए। यासिर शाह ने जिस तरह पिछले साल एडिलेड टेस्ट में सेंचुरी बनाई, उसे देखते हुए उन्होंने अपनी अंदर छिपी प्रतिभा को उजागर कर दिया। वहीं इंग्लैंड के पास एकमात्र स्पिनर डॉम बेस हैं जो गेंदबाज़ से ज़्यादा ऑलराउंडर हैं और अभी तक उनकी औसत दर्जे की ही प्रतिभा सामने आई है।

बल्लेबाज़ी में इंग्लैंड की टीम अपनी तमाम कमज़ोरियों से उबर गई है। वेस्टइंडीज़ के खिलाफ सीरीज़ के शुरू होने से पहले उसके पास बेन स्टोक्स और जो रूट ही भरोसे की बल्लेबाज़ी करने वाले बल्लेबाज़ थे। ओपनिंग की समस्या से इंग्लैंड की टीम जूझ रही थी लेकिन सीरीज़ खत्म होते-होते रोरी बर्न्स और डॉम सिबले  की ओपनिंग जोड़ी हिट हो गई और उसने लगातार अच्छा प्रदर्शन करके इंग्लैंड की लम्बे समय से चल रही इस परेशानी को दूर कर दिया। ओली पोप और जोस बटलर भी सीरीज़ खत्म होते-होते लय में आ गये। कप्तान जो रूट अगर रन नहीं बना पा रहे तो इस लेकर ज़्यादा बड़ी चिंता नहीं है क्योंकि वह बहुत बड़े खिलाड़ी हैं और कभी भी फॉर्म में लौट सकते हैं। वहीं पाकिस्तान की बल्लेबाज़ी काफी हद तक अज़हर अली और बाबर आज़म पर निर्भर है। बाबर आज़म ज़बर्दस्त फॉर्म में हैं। पिछले पांच टेस्ट में चार सेंचुरी और एक में 90 प्लस रन उनकी अच्छी फॉर्म को बताने के लिए काफी है। अज़हर अली चार साल में बर्मिंघम टेस्ट में सेंचुरी बना चुके हैं। बाकी शान मसूद और आबिद अली की हालिया फॉर्म अच्छी है लेकिन इनकी अनुभवहीनता से इनका इंग्लैंड में कड़ा इम्तिहान हो सकता है।

पाकिस्तान के विविधतापूर्ण अटैक के बीच अगर उसकी बल्लेबाज़ी रंग में आ गई तो निश्चय ही ये सीरीज़ बेहद दिलचस्प साबित हो सकती है। सम्भवत: वेस्टइंडीज़-इंग्लैंड सीरीज़ से भी अधिक। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि सुबह हल्की बारिश हो सकती है लेकिन उसके बाद मौसम साफ रहेगा।

(लेखक वरिष्ठ खेल पत्रकार और टीवी कमेंटेटर हैं)

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