National camp in Kho Kho first in a scientific manner and then in Super League: खो खो में पहले साइंटिफिक तरीके से नैशनल कैम्प और फिर सुपर लीग का आयोजन

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नई दिल्ली :  भारत में खो-खो का खेल तेज़ी से खेल प्रेमियों के दिलों में जगह बना रहा है। इस साल सारिका काले को अर्जुन पुरस्कार मिलने से इस खेल में खासकर युवकों का उत्साह खासा बढ़ गया है। पिछले दिनों भारतीय खो खो संघ और अल्टिमेट खो खो ने 18 जनवरी से 15 फरवरी तक अपने खिलाड़ियों के लिए पहली बार एक उच्च स्तरीय साइंटिफिक नैशनल कैम्प का आयोजन किया। देश के शीर्ष खो खो  खिलाड़ियों ने चार सप्ताह इसका भरपूर लाभ उठाया।

विशेषज्ञों की निगरानी में खिलाड़ियों के लिए कैंप के बाद, 12 से 15 फरवरी को नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में  सुपर लीग खो खो का  आयोजन किया गया। कुल 138 खिलाड़ियों को दस टीमों (पुरुषों के लिए आठ और महिलाओं के लिए दो) में बांटा गया। नए खेल नियमों के साथ मैच दिखाए गए जिसका उद्देश्य खो खो के खेल को ब्रांड बनाना है। ऐसा इससे पहले कभी नहीं हुआ। भारतीय खो-खो महासंघ के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने कहा, ” इस शिविर के दौरानहमने सही तकनीकों और प्राप्त प्रौद्योगिकी-आधारित कौशल प्राप्त करने के लिए आवश्यक मार्गदर्शन के साथ खिलाड़ियों की समग्र फिटनेस और शारीरिक क्षमताओं में सुधार करने पर ध्यान केंद्रित किया और इस सुपर लीग के माध्यम से हमने प्रत्येक खिलाड़ी के स्तर का मूल्यांकन करने का लक्ष्य रखा। विशेषज्ञ अब सभी डेटा का वैज्ञानिक रूप से विश्लेषण कर रहे हैं और प्रत्येक खिलाड़ी के लिए एक मूल्यांकन और प्रदर्शन ग्रेड बनाएंगे और हम आने वाले दिनों में खिलाड़ियों की निगरानी और पाठ्यक्रम को सही बनाए रखेंगे जब तक कि हमारे पास सही विश्व स्तरीय खिलाड़ियों का एक पूल नहीं बन जाता है।”

 

शिविर में खिलाड़ियों को खेल फिजियोथेरेपीबायोमैकेनिक्सखेल प्रदर्शन विश्लेषणमुद्रा सुधार और खिलाड़ियों के संतुलन विश्लेषण से लेकर निष्कर्षों और मापदंडों के आधार पर निगरानी और विश्लेषण करते देखा गया है ताकि उनमें इंडरी की सम्भावना को कम किया जा सके।

अल्टीमेट खो खो के सीईओ तेनजिंग नियोगी ने कहा, “खिलाड़ियों ने सभी विश्लेषण और मार्गदर्शन के साथ प्रभावशाली प्रगति की है। उन्होंने खो खो के नए फॉर्मेट के उपयोग करने के लिए भी प्रशिक्षित किया। उन्होंने कहा कि सुपर लीग के दौरान हमने मल्टी कैमरों के माध्यम से उनके खेल को कैप्चर किया है ताकि हम यह पता लगा सके कि टीवी उत्पाद के रूप में यह खेल कैसा दिख रहा है।” सुपर लीग खो खो टूर्नामेंट में पहाड़ी बिल्लास ने पैंथर्स को छह अंकों से हराकर ट्रॉफी जीती। पुरुषों की स्पर्धा में विजेता और उपविजेता टीम को क्रमशलाख और 1.50 लाख की पुरस्कार राशि मिली जबकि तीसरे और चौथे स्थान पर रहने वाली टीमों को 50 हजार मिले। महिला टीमों को प्रत्येक में 30 हजार रुपये की राशि मिली।

चेतन शर्मा

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