पैत्र कोर्डा की ही तरह कई भारतीय परवारों को खेल जगत में धूम मचाने के लिए याद रखा जाएगा

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Collage of sports families
Collage of sports families

मनोज जोशी

चेक रिपब्लिक के पैत्र कोर्डा और उनका परिवार दुनिया भर की खेल प्रतिभाओं के लिए आदर्श प्रेरणास्रोत साबित हो सकते हैं। खासकर तब जबकि इस समय दुनिया भर की खेल प्रतिभाएं ओलिम्पिक की तैयारियों को अंतिम अंजाम देने में जुटी हुई हैं। पैत्र कोर्डा ने 23 साल पहले ऑस्ट्रेलियाई ओपन का पुरुष सिंगल्स खिताब अपने नाम किया था। उनकी एक ही दिली ख्वाहिश थी कि वह अपने स्तर का टैलंट अपने घर में तैयार करें। उनकी इच्छा पूरी हुई। आज उनकी एक बेटी नेली दुनिया की नम्बर एक गोल्फ खिलाड़ी हैं और उनकी दूसरी बेटी जेसिकाइसी खेल की दुनिया की 13वें नम्बर की खिलाड़ी हैं। पैत्र को बेटा सेबेस्टियन इन दिनों चल रहे विम्बलडन टेनिस के चौथे राउंड में पहुंच चुका है और वह दुनिया का 50वें नम्बर का खिलाड़ी है।

वैसे भारत में मांकड़अमृतराजफोगटमिल्खा सिंह और पीवी सिंधू परिवार खेलों की एक जीती जागती मिसाल हैं। पंकज राय के साथ 414 रन की ओपनिंग पार्टनरशिप का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाले वीनू मांकड़ ने देश के लिए 44 टेस्ट खेले। उनके एक बेटे अशोक मांकड़ ने 22 टेस्ट खेले। दूसरे बेटे राहुल मुम्बई के लिए और अतुल सौराष्ट्र के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेले। अशोक मांकड़ की पत्नी निरुपमा मांकड़ टेनिस की एशियाई चैम्पियन होने के अलावा ग्रैंड स्लैम के ओपन ड्रॉ में खेलने वाली देश की पहली महिला खिलाड़ी रहीं जबकि उनके पिता वसंत और दोनों बेटे हर्ष और मिहिर देश के लिए टेनिस खेल चुके हैं। हर्ष लम्बे समय तक डेविस कप टीम के सदस्य रहे। पूर्व भारतीय कप्तान और मुख्य चयनकर्ता लाला अमरनाथ ने 24 टेस्ट मैचों में अपनी ऑलराउंड प्रतिभा का लोहा मनवाया। उनके बड़े बेटे सुरेंद्र अमरनाथ ने दस टेस्ट और तीन वनडे खेले जबकि मोहिंदर अमरनाथ ने 69 टेस्ट और 85 वनडे खेले और वह 1983 के वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल और फाइनल के मैन ऑफ द मैच के अलावा मैन ऑफ द टूर्नामेंट रहे। उनके छोटे भाई राजेंद्र अमरनाथ चार अलग-अलग टीमों की ओर से रणजी ट्रॉफी में खेले।

उड़नसिख मिल्खा सिंह ने कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड के अलावा एशियाई खेलों में चार गोल्ड जीते और वह कई पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत साबित हुए। उनकी पत्नी निर्मल भारतीय वॉलीबॉल टीम की कप्तान रहीं जबकि उनका बेटा जीव प्रोफेशनल गोल्फर रहा। अमृतराज परिवार में विजयआनंद और अशोक डेविस कप खिलाड़ी रहे। विजय के सुपुत्र आनंद ने अपने पिता की परम्परा को आगे बढ़ाया जबकि आनंद के सुपुत्र स्टीफन अमृतराज भी प्रोफेशनल सर्किट में खेले और उनकी पत्नी एलिसन रिस्के दो साल पहले दुनिया की नम्बर एक खिलाड़ी और फ्रेंच ओपन चैम्पियन एशिलेग बार्टी को हराकर विम्बलडन के क्वॉर्टर फाइनल में अपनी चुनौती रख चुकी हैं।

रियो ओलिम्पिक में सिल्वर मेडल जीतने वाली बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधू के पिता पीवी रमना और मां पी. विजया देश के लिए वॉलीबाल खेल चुके हैं। रमना 1986 के एशियाई खेलों में ब्रॉन्ज़ मेडल जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य थे और उन्हें अर्जुन पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। इन सब प्रेरणादायी उदाहरणों के बीच फोगट परिवार का भी बड़ा योगदान रहा। जहां महावीर फोगट को कुश्ती में द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त हुआ तो वहीं उन्होंने अपनी और अपने भाई की कुल छह बेटियों को अंतरराष्ट्रीय रेसलर बनाने का कमाल कर दिखाया जिनमें गीता देश की पहली महिला ओलिम्पियन रेसलर रहीं तो वहीं बबीता और विनेश ने भी ओलिम्पिक में भागीदारी की। गीता और बबीता वर्ल्ड चैम्पियनशिप में भी मेडल जीत चुकी हैं जबकि प्रियंका एशियाई चैम्पियनशिप की और रितु वर्ल्ड अंडर 23 की सिल्वर मेडलिस्ट रहीं। संगीता फोगट भी एशियाई चैम्पियनशिप की मेडलिस्ट रहीं। उनके पति बजरंग पूनिया वर्ल्ड चैम्पियनशिप के अब तक के सबसे सफल पहलवान रहे और टोक्यो ओलिम्पिक में वह देश की पदक की एक उम्मीद हैं। इसी तरह गीता फोगट के पति पवनबबीता के पति विवेक सुहाग और विनेश के पति सोमवीर देश की ओर से खेल चुके हैं जिनमें पवन कॉमनवेल्थ चैम्पियनशिप में सिल्वर मेडल भी जीत चुके हैं।

इसके अलावा पिता-पुत्र की दो जोड़ियां ओलिम्पिक में पदक जीत चुकी हैं। ध्यानचंद जहां तीन बार ओलिम्पिक में गोल्ड जीतने वाली टीम के अहम सदस्य थे तो वहीं उनके पुत्र अशोक ध्यानचंद 1972 के ओलिम्पिक में ब्रॉन्ज़ और 1975 के वर्ल्ड कप में गोल्ड जीतने वाली टीम के सदस्य रहे। पाकिस्तान के खिलाफ उनके गोल से भारत वर्ल्ड चैम्पियन बना। इसी तरह डॉ. वेस पेस 1972 के ओलिम्पिक में बॉन्ज़ जीतने वाली टीम के सदस्य थे तो वहीं उनके सुपुत्र लिएंडर पेस ने ओलम्पिक की टेनिस स्पर्धा के सिंगल्स में ब्रॉन्ज़ मेडल जीतकर बरसों से चले आर रहे ओलिम्पिक पदक के सूने को समाप्त किया।

टोक्यो ओलिम्पिक की तीरंदाज़ी इवेंट में भाग ले रहे अतनु दास और दीपिका कुमारी जहां पति-पत्नी हैं तो वहीं कुश्ती दल में भाग ले रहे बजरंग और विनेश जीजा-साली हैं। एक परिवार से दो-दो सदस्यों के देश से खेलने के अनगिनत उदाहरण हैं लेकिन यहां एक परिवार से तीन लोगों के देश के लिए खेलने वालों का ही उल्लेख किया गया है।

(लेखक वरिष्ठ खेल पत्रकार और टीवी कमेंटेटर हैं)

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