दिल्ली से किया जाएगा धार्मिक समागमों का शुभारंभ, केजरीवाल और भगवंत सिंह मान रहेंगे उपस्थित

Punjab News Update (आज समाज), नई दिल्ली/चंडीगढ़ : श्री गुरु तेग बहादर जी के 350वें शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित समारोहों की श्रृंखला का आज नई दिल्ली से शुभारंभ होगा। इसके बाद लगभग समूचे उत्तर भारत में कतारबद्ध तरीके से धार्मिक समागम करवाए जाएंगे। आप प्रारंभ होने वाले पहले कार्यक्रम में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल मुख्य रूप से हिस्सा लेंगे। इस संबंध में पंजाब सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार सिखों के नौवें गुरु हिंद की चादर श्री गुरु तेग बहादर जी की अमूल्य विरासत को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से इन समारोहों की शुरूआत के लिए 25 अक्तूबर को दिल्ली स्थित गुरुद्वारा श्री सीस गंज साहिब में अरदास करेगी।

गुरुद्वारा श्री रकाब गंज साहिब में होगा कीर्तन दरबार

शाम को गुरुद्वारा श्री रकाब गंज साहिब में कीर्तन दरबार का आयोजन किया जाएगा, जिसमें मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और अरविंद केजरीवाल नतमस्तक होंगे। इस कीर्तन दरबार में प्रमुख रागी भाई अमरजीत सिंह तान, भाई अनंतबीर सिंह, भाई चमनजीत सिंह लाल, भाई जोगिंदर सिंह रियाड़, भाई दविंदर सिंह सोढी, भाई जसकर्ण सिंह सहित अन्य रागियों द्वारा कीर्तन प्रस्तुत किया जाएगा।

पंजाब सरकार द्वारा आयोजित किए जा रहे हैं कार्यक्रम

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री की अगुवाई में राज्य सरकार ने पहले ही इस ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण अवसर को राज्य भर में प्रभावशाली ढंग से मनाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए हैं। श्री गुरु तेग बहादर साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस पर पंजाब सरकार द्वारा महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक आयोजनों की श्रृंखला आयोजित की जाएगी। ये समारोह पूरे राज्य में श्रद्धा और सम्मान के साथ आयोजित किए जाएंगे और मुख्य रूप से राज्य सरकार की देखरेख में श्री आनंदपुर साहिब की पवित्र भूमि पर होंगे।

गुरु जी का संदेश समूची मानवता तक पहुंचाना उद्देश्य

इन समारोहों का मुख्य संदेश लोगों को श्री गुरु तेग बहादर जी के धर्मनिरपेक्षता, मानवतावाद और बलिदान के उच्च आदर्शों पर चलने के लिए प्रेरित करना है। गुरु साहिब ने धार्मिक स्वतंत्रता, मानवाधिकारों और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित किया। श्री गुरु तेग बहादर जी की यह सर्वोच्च कुबार्नी मानवता के इतिहास में अनोखी और बेमिसाल है और यह अन्याय, अत्याचार और दमन के खिलाफ धर्म युद्ध का प्रतीक है।

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