- सांसद कुमारी सैलजा ने कहा- करनाल-फरीदाबाद में 577 करोड़ की 22 परियोजनाएं अधूरी
Smart City Mission, (आज समाज), नई दिल्ली/चंडीगढ़ : लोकसभा में स्मार्ट सिटी मिशन की धीमी प्रगति पर गंभीर प्रश्न उठाते हुए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि मिशन के तहत करनाल और फरीदाबाद में 577 करोड रुपये की 22 परियोजनाएं अभी भी अधूरी पड़ी हैं, जबकि इनकी तय समयसीमा दिसंबर 2025 रखी गई थी।
शेष 22 परियोजनाएं लगभग 577 करोड़ रुपये की निर्माणाधीन
सांसद कुमारी सैलजा की ओर से पूछे गए प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य राज्यमंत्री टोक्हान साहू ने स्वीकार किया कि दोनों शहरों में कुल 161 परियोजनाएं स्वीकृत थीं, जिनकी लागत 2,136 करोड़ रुपये है। इनमें से 139 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, और अब तक 1,559 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। शेष 22 परियोजनाएं लगभग 577 करोड़ रुपये की निर्माणाधीन हैं। मंत्री ने यह भी बताया कि करनाल और फरीदाबाद ने मिलकर 980 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता का दावा किया था, जिनमें से 921 करोड़ रुपये का उपयोग किया गया है।
करनाल में कुल 117 परियोजनाएं स्वीकृत थीं, जिनमें से 105 परियोजनाएँ पूरी हो चुकी
मंत्रालय ने दोनों शहरों की एसपीवी कंपनियों को सलाह दी है कि सभी परियोजनाएं दिसंबर 2025 तक हर हाल में पूरी कर ली जाएं। मंत्री की ओर से जवाब में कहा गया है कि करनाल में कुल 117 परियोजनाएं स्वीकृत थीं, जिनमें से 105 परियोजनाएँ (801 करोड़ रुपये) पूरी हो चुकी हैं, जबकि 12 परियोजनाएं (406 करोड़ रुपये) अब भी लंबित हैं। करनाल अभी तक अपनी 59 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता का उपयोग नहीं कर पाया है। फरीदाबाद में 44 में से 34 परियोजनाएं (758 करोड़ रुपये) पूरी हुई हैं, जबकि 10 परियोजनाएं (171 करोड़ रुपये) निर्माणाधीन हैं।
स्मार्ट सिटी का मतलब केवल फंड जारी करना नहीं : सैलजा
सांसद सैलजा ने सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि स्मार्ट सिटी का मतलब केवल फंड जारी करना नहीं, बल्कि पारदर्शिता, जवाबदेही और समयबद्ध जनहितकारी विकास सुनिश्चित करना होता है। भाजपा सरकार की नीतियों ने इस मिशन को अधूरे प्रोजेक्ट्स और अनुत्तरित सवालों तक सीमित कर दिया है। सैलजा ने केंद्र से पूछा कि जब स्मार्ट सिटी जैसे महत्वपूर्ण शहरी विकास कार्यक्रम में इतनी अधिक देरी हो रही है, तो समयसीमा और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए क्या प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं।