एक लाख करोड़ रुपए के सरकारी बॉन्ड को ओपन मार्केट आॅपरेशंस के जरिये खरीदेगा रिजर्व बैंक
Business News Hindi (आज समाज), बिजनेस डेस्क : भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्तीय वर्ष 2025-26 की अपनी पांचवीं मौद्रिक नीति बैठक (एमपीसी) में एक अहम फैसला लेते हुए निर्णय लिया गया कि आरबीआई एक बार फिर से बाजार में नकदी के प्रवाह को बढ़ाएगा। इसके लिए आरबीआई बैंकों में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए एक लाख करोड़ के सरकार बॉन्ड को ओपन मार्केट आॅपरेशन्स के जरिए खरीदेगा। यह खरीदारी इस महीने 50 हजार करोड़ की दो किश्तों में की जाएगी।
केंद्रीय बैंक का कहना है कि इस खरीदारी से घरेलू बैंकिंग सिस्टम में तरलता बढ़ेगी। इसके साथ ही बाजार में नकदी की स्थिति को संतुलित करने और विनियामक स्थिरता बनाए रखने के लिए आरबीआई 16 दिसंबर को 5 अरब डॉलर का खरीद-बिक्री स्वैप आॅपरेशन करने जा रहा है। यह स्वैप तीन साल की अवधि के लिए होगा।
इस तरह होता है मुद्रा का स्वैप
यह एक विशेष मुद्रा प्रबंधन साधन है, जिसमें दो पक्ष आपस में दो अलग-अलग मुद्राओं के बराबर मूल्य का विनिमय करते हैं, और तय समय बाद इसे उलट दिया जाता है। मुद्रा स्वैप को प्रभावी लिक्विडिटी मैनेजमेंट और जोखिम हेजिंग टूल माना जाता है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि यह कदम वर्तमान वित्तीय परिस्थितियों की समीक्षा के बाद उठाया गया है। स्वैप आॅपरेशन का उद्देश्य दिसंबर महीने में बाजार में तरलता का सुव्यवस्थित नियंत्रण सुनिश्चित करना है। आरबीआई के अनुसार, इस तरह की कार्रवाई से विदेशी मुद्रा और बॉन्ड बाजार में स्थिरता बनाए रखने में भी मदद मिलेगी।
अर्थव्यवस्था की विकास दर बनी रहेगी
आरबीआई ने वित्त वर्ष 2026 के जीडीपी अनुमान को बढ़ाकर 7.3 प्रतिशत कर दिया है। यह पहले के अनुमान से लगभग आधा प्रतिशत अधिक है। भारतीय रिजर्व बैंक के गर्वनर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को नीतिगत फैसलों की घोषणा करते हुए यह कहा।
इसके साथ ही उन्होंने वित्त वर्ष 2026 की तीसरी और चौथी तिमाही के लिए क्रमश: 7 प्रतिशत और 6.5 प्रतिशत वृद्धि दर रहने का अनुमान लगाया है। वहीं वित्त वर्ष 2027 की पहली और दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी के आंकड़े क्रमश: 6.7 प्रतिशत और 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
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