RBI MPC Meeting: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने आज से अपनी मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की मीटिंग शुरू कर दी है। इस मीटिंग में कई ज़रूरी फ़ाइनेंशियल फ़ैसले लिए जाएँगे, जिसमें यह भी शामिल है कि रेपो रेट में कोई बदलाव होगा या नहीं। फ़ाइनल अनाउंसमेंट 5 दिसंबर को की जाएगी।

रेपो रेट का सीधा असर आम लोगों के लोन इंटरेस्ट रेट और EMI पर पड़ता है। खास बात यह है कि अगस्त और अक्टूबर में हुई पिछली दो MPC मीटिंग में RBI ने रेपो रेट को 5.50% पर बिना किसी बदलाव के रखने का फ़ैसला किया था।

RBI रेपो रेट: कटौती की उम्मीद है या नहीं?

कई रिपोर्ट्स और मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस बात की पूरी उम्मीद है कि RBI इस मीटिंग में रेपो रेट में कटौती का ऐलान कर सकता है। माना जा रहा है कि सेंट्रल बैंक रेपो रेट में 0.25% की कमी कर सकता है। अगर ऐसा होता है, तो रेपो रेट 5.50% से घटकर 5.25% हो जाएगा। हालांकि, ऑफिशियल कन्फर्मेशन 5 दिसंबर को RBI की पॉलिसी अनाउंसमेंट के बाद ही आएगा।

रेपो रेट का अब तक का ट्रेंड

तारीख रेपो रेट में बदलाव
7 फरवरी 6.25% -0.25%
9 अप्रैल 6.00% -0.25%
6 जून 5.50% -0.50%
अगस्त 5.50% कोई बदलाव नहीं
1 अक्टूबर 5.50% कोई बदलाव नहीं

रेपो रेट क्या है?

रेपो रेट वह रेट है जिस पर कमर्शियल बैंक कम समय के लिए रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया से पैसे उधार लेते हैं। RBI हर दो महीने में रेपो रेट में बदलाव और दूसरी मॉनेटरी पॉलिसी पर फैसला लेने के लिए MPC मीटिंग करता है।

रेपो रेट में कटौती का आप पर क्या असर होगा?

अगर रेपो रेट कम किया जाता है: बैंकों को कम इंटरेस्ट रेट पर लोन मिलता है, जिससे कस्टमर्स को सस्ते लोन मिल सकते हैं। इससे होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन पर EMI कम हो सकती है।

अगर रेपो रेट बढ़ाया जाता है: बैंकों के लिए उधार लेना महंगा हो जाता है, और वे ज़्यादा ब्याज दरों और EMI के रूप में इसका बोझ ग्राहकों पर डाल सकते हैं।

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