सिंह राशिफल 5 नवंबर 2022

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Leo Horoscope

***|| जय श्री राधे ||***
🌺🙏 महर्षि पाराशर पंचांग 🙏🌺
🙏🌺🙏 अथ पंचांगम् 🙏🌺🙏
****ll जय श्री राधे ll****
🌺🌺🙏🙏🌺🌺🙏🙏🌺🌺

दिनाँक :- 05/11/2022, शनिवार
द्वादशी, शुक्ल पक्ष,
कार्तिक
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

सिंह

प्रतिष्ठा बढ़ेगी। रोजगार में वृद्धि होगी। यात्रा का शुभ योग होने के साथ ही कठिन कार्य में भी सफलता मिल सकेगी। रिश्तेदारों से संपत्ति संबंधी विवाद हो सकता है। व्यापार-नौकरी में लाभ होगा। पुराना रोग उभर सकता है। प्रयास सफल रहेंगे।

तिथि———- द्वादशी 17:06:19 तक
पक्ष————————- शुक्ल
नक्षत्र—उत्तरा भाद्रपदा 23:55:26
योग———— हर्शण 25:21:20
करण———– बालव 17:06:20
करण———– कौलव 28:44:06
वार———————– शनिवार
माह———————- कार्तिक
चन्द्र राशि——————– मीन
सूर्य राशि——————– तुला
रितु————————- हेमंत
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर——————- शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)——————— नल
विक्रम संवत—————- 2079
गुजराती संवत————– 2079
शक संवत—————— 1944

वृन्दावन
सूर्योदय————— 06:33:38
सूर्यास्त—————- 17:31:32
दिन काल————- 10:57:53
रात्री काल————- 13:02:49
चंद्रोदय————— 15:49:47
चंद्रास्त—————- 28:17:25

लग्न—- तुला 18°25′ , 198°25′

सूर्य नक्षत्र—————— स्वाति
चन्द्र नक्षत्र——— उत्तरा भाद्रपदा
नक्षत्र पाया——————– ताम्र

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

थ—- उत्तरा भाद्रपदा 12:00:33

झ—- उत्तरा भाद्रपदा 17:57:17

ञ—- उत्तरा भाद्रपदा 23:55:26

दे—- रेवती 29:55:02

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=तुला 18 :29 स्वाति , 4 ता
चन्द्र =मीन 06 °23, उ o भा o, 2 थ
बुध =तुला 16 ° 34′ स्वाति ‘3 रो
शुक्र=तुला 21°05, विशाखा ‘ 1 ती
मंगल=मिथुन 01°30 ‘ मृगशिरा’ 3 का
गुरु=मीन 05°30 ‘ उ o भा o, 1 दू
शनि=मकर 24°43 ‘ धनिष्ठा ‘ 1 गा
राहू=(व) मेष 19°05 भरणी , 2 लू
केतु=(व) तुला 19°05 विशाखा , 4 ता

🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩

राहू काल 09:18 – 10:40 अशुभ
यम घंटा 13:25 – 14:47 अशुभ
गुली काल 06:34 – 07:56 अशुभ
अभिजित 11:41 – 12:25 शुभ
दूर मुहूर्त 08:01 – 08:45 अशुभ
वर्ज्यम 09:38 – 11:13 अशुभ

💮गंड मूल 23:55 – अहोरात्र अशुभ

🚩पंचक अहोरात्र अशुभ

💮चोघडिया, दिन
काल 06:34 – 07:56 अशुभ
शुभ 07:56 – 09:18 शुभ
रोग 09:18 – 10:40 अशुभ
उद्वेग 10:40 – 12:03 अशुभ
चर 12:03 – 13:25 शुभ
लाभ 13:25 – 14:47 शुभ
अमृत 14:47 – 16:09 शुभ
काल 16:09 – 17:32 अशुभ

🚩चोघडिया, रात
लाभ 17:32 – 19:09 शुभ
उद्वेग 19:09 – 20:47 अशुभ
शुभ 20:47 – 22:25 शुभ
अमृत 22:25 – 24:03* शुभ
चर 24:03* – 25:41* शुभ
रोग 25:41* – 27:19* अशुभ
काल 27:19* – 28:57* अशुभ
लाभ 28:57* – 30:34* शुभ

💮होरा, दिन
शनि 06:34 – 07:28
बृहस्पति 07:28 – 08:23
मंगल 08:23 – 09:18
सूर्य 09:18 – 10:13
शुक्र 10:13 – 11:08
बुध 11:08 – 12:03
चन्द्र 12:03 – 12:57
शनि 12:57 – 13:52
बृहस्पति 13:52 – 14:47
मंगल 14:47 – 15:42
सूर्य 15:42 – 16:37
शुक्र 16:37 – 17:32

🚩होरा, रात
बुध 17:32 – 18:37
चन्द्र 18:37 – 19:42
शनि 19:42 – 20:47
बृहस्पति 20:47 – 21:52
मंगल 21:52 – 22:58
सूर्य 22:58 – 24:03
शुक्र 24:03* – 25:08
बुध 25:08* – 26:13
चन्द्र 26:13* – 27:19
शनि 27:19* – 28:24
बृहस्पति 28:24* – 29:29
मंगल 29:29* – 30:34

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

तुला > 04:10 से 06:21 तक
वृश्चिक > 06:21 से 08:42 तक
धनु > 08:42 से 11:12 तक
मकर > 11:12 से 12:50 तक
कुम्भ > 12:50 से 14:20 तक
मीन > 14:20 से 14:52 तक
मेष > 14:52 से 16:26 तक
वृषभ > 16:26 से 19:12 तक
कर्क > 19:12 से 11:42 तक
सिंह > 11:42 से 02:00 तक
कन्या > 02:00 से 04:02 तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो लौंग अथवा कालीमिर्च खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

12 + 7 + 1 = 20 ÷ 4 = 0 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

शनि ग्रह मुखहुति

💮 शिव वास एवं फल -:

12 + 12 + 5 = 29 ÷ 7 = 1 शेष

कैलाश वास = शुभ कारक

🚩भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮

* शनि प्रदोष व्रत (शिव पूजन)

* गरुण द्वादशी

💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮

राज्ञधर्मणि धर्मिष्ठाः पापे पापाः समे समाः ।
राजानमनुवर्तन्ते यथा राजा तथा प्रजाः ।।
।। चा o नी o।।

यदि राजा पुण्यात्मा है तो प्रजा भी वैसी ही होती है. यदि राजा पापी है तो प्रजा भी पापी. यदि वह सामान्य है तो प्रजा सामान्य. प्रजा के सामने राजा का उद्हारण होता है. और वो उसका अनुसरण करती है.

🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩

गीता -: विश्वरूपदर्शनयोग अo-11

पश्यादित्यान्वसून्रुद्रानश्विनौ मरुतस्तथा ।,
बहून्यदृष्टपूर्वाणि पश्याश्चर्याणि भारत ॥,

हे भरतवंशी अर्जुन! तू मुझमें आदित्यों को अर्थात अदिति के द्वादश पुत्रों को, आठ वसुओं को, एकादश रुद्रों को, दोनों अश्विनीकुमारों को और उनचास मरुद्गणों को देख तथा और भी बहुत से पहले न देखे हुए आश्चर्यमय रूपों को देख ।।6।।

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