कर्क राशिफल 2 नवंबर 2022

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Cancer Horoscope

***|| जय श्री राधे ||***
🌺🙏 महर्षि पाराशर पंचांग 🙏🌺
🙏🌺🙏 अथ पंचांगम् 🙏🌺🙏
****ll जय श्री राधे ll****
🌺🌺🙏🙏🌺🌺🙏🙏🌺🌺

दिनाँक:- 02/11/2022, बुधवार
नवमी, शुक्ल पक्ष,
कार्तिक
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

कर्क

संतान पक्ष की चिंता रहेगी। चोट व दुर्घटना से बचें। लेन-देन में सावधानी रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। खर्च का बोझ बढ़ेगा। किसी पर अत्यधिक भरोसा न करें। व्यापार, नौकरी में अड़चनें आने से मनोबल में कमी आ सकती है।

तिथि———– नवमी 21:09:13 तक
पक्ष————————- शुक्ल
नक्षत्र———– धनिष्ठा 25:42:03
योग————– गण्ड 10:25:06
करण———– बालव 10:04:52
करण———– कौलव 21:09:13
वार———————— बुधवार
माह———————– कार्तिक
चन्द्र राशि——– मकर 14:15:14
चन्द्र राशि——————- कुम्भ
सूर्य राशि——————– तुला
रितु————————– हेमंत
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर——————- शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)——————— नल
विक्रम संवत—————- 2079
गुजराती संवत————– 2079
शक संवत—————– 1944

वृन्दावन
सूर्योदय————— 06:31:31
सूर्यास्त—————- 17:33:35
दिन काल————- 11:02:04
रात्री काल————- 12:58:37
चंद्रोदय—————- 14:05:34
चंद्रास्त—————- 25:14:28

लग्न—- तुला 15°25′ , 195°25′

सूर्य नक्षत्र—————— स्वाति
चन्द्र नक्षत्र—————— धनिष्ठा
नक्षत्र——————– पाया ताम्र

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

गा—- धनिष्ठा 08:33:10

गी—- धनिष्ठा 14:15:14

गु—- धनिष्ठा 19:58:11

गे—-धनिष्ठा 25:42:03

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=तुला 15 :29 स्वाति , 3 रो
चन्द्र =मकर 25 °23, धनिष्ठा , 1 गा
बुध =तुला 11 ° 34′ स्वाति ‘2 रे
शुक्र=तुला 18°05, स्वाति ‘ 4 ता
मंगल=मिथुन 01°30 ‘ मृगशिरा’ 3 का
गुरु=मीन 05°30 ‘ उ o भा o, 1 दू
शनि=मकर 24°43 ‘ धनिष्ठा ‘ 1 गा
राहू=(व) मेष 19°15 भरणी , 2 लू
केतु=(व) तुला 19°15 विशाखा , 4 ता

🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩

राहू काल 12:03 – 13:25 अशुभ
यम घंटा 07:54 – 09:17 अशुभ
गुली काल 10:40 – 12:03 अशुभ
अभिजित 11:40 – 12:25 अशुभ
दूर मुहूर्त 11:40 – 12:25 अशुभ
वर्ज्यम 06:39 – 08:10 अशुभ

🚩पंचक 14:15 – अहोरात्र अशुभ

💮चोघडिया, दिन
लाभ 06:32 – 07:54 शुभ
अमृत 07:54 – 09:17 शुभ
काल 09:17 – 10:40 अशुभ
शुभ 10:40 – 12:03 शुभ
रोग 12:03 – 13:25 अशुभ
उद्वेग 13:25 – 14:48 अशुभ
चर 14:48 – 16:11 शुभ
लाभ 16:11 – 17:34 शुभ

🚩चोघडिया, रात
उद्वेग 17:34 – 19:11 अशुभ
शुभ 19:11 – 20:48 शुभ
अमृत 20:48 – 22:26 शुभ
चर 22:26 – 24:03* शुभ
रोग 24:03* – 25:40* अशुभ
काल 25:40* – 27:18* अशुभ
लाभ 27:18* – 28:55* शुभ
उद्वेग 28:55* – 30:32* अशुभ

💮होरा, दिन
बुध 06:32 – 07:27
चन्द्र 07:27 – 08:22
शनि 08:22 – 09:17
बृहस्पति 09:17 – 10:12
मंगल 10:12 – 11:07
सूर्य 11:07 – 12:03
शुक्र 12:03 – 12:58
बुध 12:58 – 13:53
चन्द्र 13:53 – 14:48
शनि 14:48 – 15:43
बृहस्पति 15:43 – 16:38
मंगल 16:38 – 17:34

🚩होरा, रात
सूर्य 17:34 – 18:38
शुक्र 18:38 – 19:43
बुध 19:43 – 20:48
चन्द्र 20:48 – 21:53
शनि 21:53 – 22:58
बृहस्पति 22:58 – 24:03
मंगल 24:03* – 25:08
सूर्य 25:08* – 26:13
शुक्र 26:13* – 27:18
बुध 27:18* – 28:22
चन्द्र 28:22* – 29:27
शनि 29:27* – 30:32

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

तुला > 04:22 से 06:33 तक
वृश्चिक > 06:33 से 08:54 तक
धनु > 08:54 से 11:24 तक
मकर > 11:24 से 13:02 तक
कुम्भ > 13:02 से 14:32 तक
मीन > 14:32 से 15:04 तक
मेष > 15:04 से 16:38 तक
वृषभ > 16:38 से 19:24 तक
कर्क > 19:24 से 11:54 तक
सिंह > 11:54 से 02:12 तक
कन्या > 02:12 से 04:14 तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो पान अथवा पिस्ता खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

9 + 4 + 1 = 14 ÷ 4 = 2 शेष
आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

शुक्र ग्रह मुखहुति

💮 शिव वास एवं फल -:

9 + 9 + 5 = 23 ÷ 7 = 2 शेष

गौरि सन्निधौ = शुभ कारक

🚩भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮

*आंवला नवमी

*अक्षय नवमी

*हरि जयंती

*जुगल जोड़ी परिक्रमा मथुरा वृन्दावन

*श्री सर्वेश्वरप्रभु प्राकट्योत्सव दिवस पुष्कर जी

💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮

अहो वत ! विचित्राणि चरितानि महात्मनाम् ।
लक्ष्मी तृणाय मन्यन्ते तद्भारेण नमन्ति च ।।
।। चा o नी o।।

देखिये क्या आश्चर्य है? बड़े लोग अनोखी बाते करते है. वे पैसे को तो तिनके की तरह मामूली समझते है लेकिन जब वे उसे प्राप्त करते है तो उसके भार से और विनम्र होकर झुक जाते है.

🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩

गीता -: विश्वरूपदर्शनयोग अo-11

एवमेतद्यथात्थ त्वमात्मानं परमेश्वर ।,
द्रष्टुमिच्छामि ते रूपमैश्वरं पुरुषोत्तम ॥,

हे परमेश्वर! आप अपने को जैसा कहते हैं, यह ठीक ऐसा ही है, परन्तु हे पुरुषोत्तम! आपके ज्ञान, ऐश्वर्य, शक्ति, बल, वीर्य और तेज से युक्त ऐश्वर्य-रूप को मैं प्रत्यक्ष देखना चाहता हूँ॥,3॥,

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