- राजनाथ ने मोरक्को के अपने समकक्ष को दिया भारत आने का निमंत्रण
MOU Sign (आज समाज), रबात: भारत और मोरक्को ने रक्षा सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मोरक्को दौरे पर थे और सोमवार यानी बीते कल उनकी मोरक्को के उनके समकक्ष अब्देलतिफ लौदी के साथ राजधानी रबात में द्विपक्षीय बैठक हुई जिसमें दोनों मंत्रियों ने रक्षा सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। बैठक भारत और मोरक्को के बीच बढ़ते रणनीतिक हितों के तालमेल को दर्शाते हुए द्विपक्षीय रक्षा संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। बता दें कि राजनाथ रविवार को दो दिवसीय आधिकारिक दौरे पर मोरक्को पहुंचे थे । यह किसी भारतीय रक्षा मंत्री का इस देश का पहला दौरा था।
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रक्षा उद्योग में और मजबूत होगा सहयोग
रक्षा मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने रक्षा उद्योग में सहयोग को और मजबूत करने का फैसला किया और आतंकवाद-रोधी, समुद्री सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, शांति मिशन, सैन्य चिकित्सा और विशेषज्ञों के आदान-प्रदान जैसे क्षेत्रों को शामिल करने वाले एक व्यापक रोडमैप पर सहमति व्यक्त की। एमओयू बढ़ती पार्टनरशिप के लिए एक मजबूत संस्थागत ढांचा प्रदान करता है और रक्षा उद्योग, संयुक्त अभ्यास, सैन्य प्रशिक्षण और क्षमता विकास में सहयोग के लिए यह रास्ता बनाने का प्रावधान है।
दूतावास में एक नया रक्षा विंग खोलने का ऐलान
दोनों मंत्रियों के बीच हुई बातचीत से भारत और मोरक्को के बीच पुरानी दोस्ती को और मजबूत करने के साझा संकल्प का पता चलता है। इन पहलों को आगे बढ़ाने के लिए राजनाथ ने रबात में भारत के दूतावास में एक नया रक्षा विंग खोलने की घोषणा की। राजनाथ ने भारत के रक्षा उद्योग की क्षमता और ड्रोन तथा काउंटर-ड्रोन टेक्नोलॉजी जैसी अत्याधुनिक क्षमताओं का भी ज़ोर देकर बताया और मोरक्को को आश्वस्त किया कि भारतीय कंपनियां मोरक्को की रक्षा सेनाओं की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
सह-उत्पादन के अवसरों की खोज करने के महत्व पर ज़ोर
राजनाथ सिंह और अब्देलतिफ लौदी ने सशस्त्र बलों के बीच आदान-प्रदान बढ़ाने, प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ावा देने और रक्षा क्षेत्र में सह-विकास और सह-उत्पादन के अवसरों की खोज करने के महत्व पर ज़ोर दिया। उन्होंने वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए बहुपक्षीय सहयोग की आवश्यकता पर भी बल दिया और हिंद महासागर और अटलांटिक गलियारे के रणनीतिक महत्व को देखते हुए समुद्री सुरक्षा में बेहतर समन्वय का स्वागत किया। रक्षा मंत्री राजनाथ ने रक्षा सहयोग को और बढ़ाने पर चर्चा के लिए लौदी को भारत आने का औपचारिक निमंत्रण भी दिया।
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