पिछले साल खरीद के बाद नहीं मिली थी भंडारण के लिए जगह, सड़कों पर उतरे थे किसान संगठन
Punjab Breaking News (आज समाज), चंडीगढ़ : पंजाब सरकार ने आगामी धान सीजन के लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। ज्ञात रहे कि पिछले सीजन में जो सबसे ज्यादा समस्या पंजाब सरकार के सामने आई थी वह थी भंडारण की समस्या। मंडी में धान खरीद और उठान का काम तो सुचारू रूप से शुरू हो गया था लेकिन धान भंडारण के लिए जगह नहीं मिली थी। कारण यह था कि केंद्र सरकार ने समय पर गोदाम खाली नहीं किए थे। जिसके बाद प्रदेश के हालात बिगड़ गए और किसान संगठन सड़कों पर उतर आए।
सीएम ने केंद्रीय मंत्री से की यह मांग
मुख्य मंत्री ने केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रह्लाद जोशी से मुलाकात करके इस बार इस समस्या से निजात दिलाने की मांग की है। सीएम ने जोर देकर कहा कि पिछले दो वर्षों से प्रांत में ढके हुए भंडारण स्थानों की निरंतर कमी है। उन्होंने कहा कि खरीफ मंडीकरण सीजन 2023-24 के दौरान मिलिंग वाले चावल के लिए जगह की कमी के कारण डिलीवरी की अवधि 30 सितंबर, 2024 तक बढ़ानी पड़ी।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि पिछले खरीफ सीजन के दौरान मिलों में बहुत हंगामा हुआ था और शुरू में मिलर धान उठाने और भंडारण करने से हिचक रहे थे, लेकिन इस मुद्दे को राज्य और केंद्र सरकार ने संयुक्त रूप से हल कर लिया था। मुख्य मंत्री ने कहा कि वर्तमान खरीफ मंडीकरण सीजन 2024-25 में भी एफसीआई को दिए जाने वाले 117 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) चावल में से 30 जून, 2025 तक केवल 102 लाख मीट्रिक टन चावल की डिलीवरी दी जा चुकी है, जबकि 15 लाख मीट्रिक टन की डिलीवरी अभी बाकी है।
केंद्र धीमी रफ्तार से कर रहा उठान
सीएम ने कहा कि पिछले 12 महीनों में औसतन 6.67 एलएमटी की दर से केवल 80 एलएमटी चावल ही राज्य से उठाए गए या बाहर भेजे गए हैं। भगवंत सिंह मान ने आगे कहा कि एफसीआई ने जून, 2025 के महीने के लिए पंजाब से 14 एलएमटी चावल की ढुलाई की योजना बनाई थी, लेकिन वास्तव में केवल 8.5 एलएमटी चावल का ही निपटान हुआ है। इसके अनुसार, मुख्य मंत्री ने कहा कि जुलाई, 2025 में कम से कम 15 लाख मीट्रिक टन चावल की ढुलाई की आवश्यकता है ताकि 31 जुलाई, 2025 तक मिलिंग पूरी की जा सके।
उन्होंने केंद्रीय मंत्री को आगाह किया कि यदि खरीफ मंडीकरण सीजन 2024-25 के चावल की डिलीवरी जुलाई महीने के भीतर पूरी नहीं होती है, तो इससे मिलों में फिर से असंतोष पैदा हो सकता है, जिसके कारण खरीफ सीजन 2025-26 में धान की खरीद के दौरान और भी बड़ी चुनौती उत्पन्न हो सकती है, क्योंकि धान की खरीद 1 अक्टूबर, 2025 से शुरू होने वाली है।