वर्ष 2024-25 में राज्य ने केंद्रीय पूल में रिकॉर्ड 45 प्रतिशत गेहूं का योगदान दिया
Punjab News Update (रोहित रोहिला), चंडीगढ़। पंजाब का किसान हर साल देश के अन्न भंडारण में अपना अहम रोल अदा करता है। विशेषकर गेहूं और चावल की पैदावार में सूबे ने रिकार्ड बनाए हैं। राज्य में इनकी पैदावार बढ़ती जा रही है, जिससे एफसीआई को भंडारण की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। इसके बावजूद पंजाब के किसानों ने अपनी मेहनत से देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की है।
वर्ष 2024-25 में राज्य ने केंद्रीय पूल में रिकार्ड 45 प्रतिशत गेहूं का योगदान दिया। वहीं 121.31 लाख टन गेहूं और 173.58 लाख टन धान की खरीद हुई। प्रदेश में हर साल ही चावल व गेहूं का उत्पादन बढ़ रहा है। गेहूं की इस साल भी मंडियों में रिकार्ड 124 लाख मीट्रिक टन आने की उम्मीद है। राज्य हमेशा से ही फसलों के पैदावार में आगे रहा है और गेहूं व चावल के उत्पादन से प्रदेश ने पूरे देश की मांग को पूरा किया है।
केंद्रीय भंडारण भरने में यहां के किसानों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग को लेकर आंदोलन के दौरान प्रदेश के किसान पहले दिल्ली और फिर पंजाब-हरियाणा के बार्डर पर डटे रहे, बावजूद इसके अनाज के उत्पादन में कोई कमी नहीं आई, बल्कि उलटा इसमें निरंतर बढ़ोतरी होती जा रही हैं।
पंजाब को अनाज की डिमांड भेजता है
केंद्र कैश क्रेडिट लिमिट जारी करने के साथ पंजाब को अनाज की डिमांड भेजता है, लेकिन हर साल ही उससे अधिक अनाज का उत्पादन पंजाब में किया जा रहा है। हालात यह है कि हर साल उत्पादन में बढ़ोतरी होने के कारण फूड कारपोरेशन आफ इंडिया (एफसीआई) को सूबे में सबसे अधिक भंडारण की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। एफसीआई के गोदाम फुल हैं। इस कारण राज्य में अब भंडारण की अतिरिक्त क्षमता भी तैयार की जा रही है, जो इस साल के अंत तक तैयार होगी। इससे प्रदेश में अनाज का अधिक भंडारण किया जा सकेगा, जिसकी पड़ोसी राज्यों को लिफ्टिंग की जा सकेगी।
गेहूं व चावल के उत्पादन में सबसे आगे रहे
अगर पिछले आठ साल का रिकार्ड देखें तो प्रदेश के किसान गेहूं व चावल के उत्पादन में सबसे आगे रहे हैं। केवल वर्ष 2016-17 और 2021-22 में गेहूं के उत्पादन में हरियाणा मामूली बढ़ोतरी के साथ पंजाब से आगे रहा है, जबकि बाकी वर्षों में पंजाब के किसान ही उत्पादन में टाप पर रहे हैं। वर्ष 2023-24 के दौरान पंजाब में रिकार्ड 4516 किलोग्राम हेक्टेयर चावल और 5045 किलोग्राम गेहूं का उत्पादन हुआ है, जो प्रदेश भर में सबसे अधिक है।
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