100 karod vasoolee kaand: 100 करोड़ वसूली कांड

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मुंबई पुलिस के Api सचिन वाजे की गिरफ़्तारी ने एक बार फिर पुलिस व्यवस्था को सवालों के घेरे में ला दिया है। एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की गिरफ़्तारी और मुंबई के पुलिस कमिश्नर रहे परमबीर सिंह के तबादले से एक बार फिर मुंबई पुलिस पर सवालिया निशान लगने लगा हैं. जिस तरह से मुकेश अंबानी के घर मिली जिलेटिन भरी गाड़ी के बाद हंगामा हुआ उसके बाद अब मामला महाराष्ट्र के गृह मंत्रालय में भ्रष्टाचार पर आकर रुक गया है

सचिन वाजे के ख़िलाफ़ कारवाई की माँग का मुद्दा विपक्ष नेता देवेंद्र फड़नवीस ने उठाया उसके बाद परमबीर सिंह का ट्रान्स्फ़र होना और बाद में परमबीर सिंह के लेटर बोंब ने  एक बार गृह मंत्रालय को कठघरे में खड़ा कर दिया है. इसके बाद मानो पूरी महाराष्ट्र सरकार के ख़िलाफ़ ही आवाज़ उठने लगी

वसूली कांड सामने आते ही १०० Cr में सहभागी कौन कौन थे इस पर सवालिया निशान लगने लगा।

जब से महाविकास आघाडी की सरकार महाराष्ट्र में आयी है तब से Dcp के ट्रांसफ़र,धनंजय मुंडे की दो शादी,टिक टोक स्टार पूजा चव्हाण की संदिग्ध आत्महत्या में मंत्री संजय राठौड़ का नाम आना. संजय राठौड़ का नाम आते ही cm ने विधानसभा सत्र शुरू होने से पहिले उनका इस्तीफ़ा ले लिया लेकिन सदन में अंतिला कार मामला और मनसुख हीरेन की मौत का मामला छाया रहा

अगर बात करे सचिन वाजे की तो वह एंकाउंटर स्पेसियालिस्ट रह चुके है  हालांकि उन पर फ़र्ज़ी एनकाउंटर के आरोप भी लगे लेकिन इनमें से कई सबूतों के अभाव में बच निकले. एक समय था जब मुंबई में १५० एनकाउंटर सालाना होते थे विजय सालस्कर, प्रफुल भोंसले, प्रदीप शर्मा, दया नायक की बोलबाला थी.

अगर बात करे मुंबई पुलिस के सीनियर इंस्पेक्टर रहे विजय सालसकर एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के तौर पर ज्यादा चर्चित थे। उन्होंने करीब 80 अपराधियों को एनकाउंटर में मार गिराया, इनमें से ज्यादातर अरुण गवली  गैंग से सदस्य थे। 2008 में मुंबई में आतंकी हमले के दौरान सालसकर की मौत हो गई। आतंकी अजमल आमिर कसाब को इस हत्या का आरोपी बनाया गया था। वह एंटी एक्सटॉर्सन सेल के प्रमुख भी थे। उनकी देशभक्ति और बहादुरी के लिए सरकार ने 2009 में उन्हें अशोक चक्र से सम्मानित किया गया

1995 में मुंबई पुलिस ज्वाइन करने वाले सब इंस्पेक्टर दया नायक ने 80 गैंगस्टर्स का एनकाउंटर किया है। अंडरवर्ल्ड और अपराधियों से मिलीभगत के आरोप में 2006 में उन्हें सस्पेंड कर दिया गया और गिरफ्तार भी किया गया। हालांकि एंटी क्राइम ब्यूरो को उनके खिलाफ लगे आरोपों पर कोई सबूत नहीं मिले जिसके बाद उन्हें 2012 में दोबारा बहाल कर दिया गया। जनवरी 2014 में उनका ट्रांसफर नागपुर कर दिया गया।

करीब 312 अपराधियों के एनकाउंटर में शामिल रहे प्रदीप शर्मा शिवसेना की टिकिट से नालासोपारा से विधानसभा का चुनाव लड़ चुके है लेकिन वह चुनावहार गए. मुंबई एनकाउंटर स्क्वाड से जुड़े शर्मा को 31 अगस्त 2008 में सस्पेंड कर दिया गया। उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे हालांकि 9 मई 2009 को उन्हें दोबारा बहाल कर दिया गया क्योंकि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला. सचिन वाजे का गॉडफादर प्रदीप शर्मा ही है.

मुंबई पुलिस का चर्चित चेहरा रहे प्रफुल भोसले की तहकीकात और अपराधियों से लोहा लेने के जोश ने कइयों को प्रभावित किया है। कहा जाता है कि भोसले किसी हॉलीवुड फिल्म के पुलिस किरदार की तरह फुर्तीले हैं।फ़िलहाल वह रिटायर हो चुके है 1987 से लेकर अब तक भोसले ने लगभग 85 एनकाउंटर किए हैं। इनमें छोटा राजन गैंग और छोटा शकील गैंग के कई अहम गुर्गे भी शामिल हैं। 1983 में मुंबई पुलिस ज्वाइन करने से पहले वह सिटी बैंक में क्लर्क की नौकरी करते थे। मुंबई पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट रवींद्र आंग्रे विवादों से घिरे रहे और अपने रिटायरमेंट के दो महीने पहले ही नौकरी से निकाल दिए गए।

30 वर्ष के करियर में उन्होंने 52 अपराधियों का एनकाउंटर किया, इनमें ठाणे का माना हुआ गुंडा सुरेश मानचेकर भी शामिल है। 2008 में उन्हें एक बिल्डर को धमकी देने का आरोपी पाया गया और मई 2014 में उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। 1972 में जन्मे सचिन हिंदुराव वाजे मुंबई पुलिस के पूर्व अधिकारी हैं। मुंबई एनकाउंटर स्क्वाड के सदस्य रहे वाजे ने 63 अनकाउंटर किए हैं। 1990 में महाराष्ट्र पुलिस ज्वाइन करने वाले वाजे ने नवंबर 2007 में इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने छोटा राजन और दाऊद गैंग के कई शातिर अपराधियों को मार गिराया।मूल रूप से कोल्हापुर के रहने वाले वाजे की पहली पोस्टिंग गढ़चिरौली इलाके में हुई, जोकि नक्सल प्रभावित था। 1992 में उन्हें ठाणें ट्रांसफर कर दिया गया और वह जल्द ही बड़े मामले सुलझाने में माहिर हो गए।

कुछ ही दिनों में वह ठाणे क्राइम ब्रांच स्पेशल स्क्वाड के हेड बन गए। 17 साल के करियर में उन्होंने शातिर अपराधियों का खात्मा किया। इनमें मुन्ना नेपाली का नाम भी शामिल है। वाजे, प्रदीप शर्मा को अपना प्रेरक मानते हैं। वह साइबर एक्सपर्ट थे। 1997 में वह तब चर्चा में आए जब उन्होंने इंटरनेशनल क्रेडिट कार्ड फ्रॉड का खुलासा किया था। लेकिन उनको सस्पेंड किया गया कोविड के समय मुंबई के cp बनने के बाद परमबीर सिंह ने उनको Api बनाया और ciu की जिम्मेदारी दी लेकिन वह विवादास्पद रहे, कंगना रनौत ,अर्नब गोस्वामी, बीएमडब्ल्यू मामले उनको ही जाँच के लिए दिए गए जिससे पुलिस विभाग में नाराज़गी थी. मुंबई के पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के वह करीबी माने जाते रहे,

जिस तरह से मुकेश अम्बानी के घर के बाहर जिलेटिन भरी गाड़ी मिली , सचिन वाजे उस रात CCTV में देखे गए इससे 

साफ़ हो गया की वाजे ने ही जिलेटिन भरी गाड़ी वहाँ पार्क की थी. लेकिन मुकेश अम्बानी को टार्गेट करने का कारण क्या था किसके कहने पर किया गया यह सारे सवालों के जवाब मिलने बाक़ी है

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