सन फार्मा के शेयर गिरावट के बाद 52 सप्ताह के निचले स्तर पर पहुंचे

US Tariff on Pharma Sector (आज समाज), बिजनेस डेस्क : अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा जिन भारतीय उत्पादों पर नए टैरिफ लगाने की घोषणा की गई उनमें सबसे ज्यादा असर भारतीय दवा कंपनियों को हुआ। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रांडेड दवाओं पर 100% ट्रैरिफ लगाने की घोषणा की जोकि एक अक्टूबर से शुरू हो जाएगा। ट्रंप की इस घोषणा के बाद शुक्रवार को सुबह शेयर बाजार खुलते ही गिरावट हावी हो गई। सुबह 10 बजे बीएसई सेंसेक्स 401.57 अंक यानी 0.49% गिरावट के साथ 80,758.11 अंक पर था। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी50 इंडेक्स 87.35 अंक यानी 0.35% गिरावट के साथ 24,803.50 अंक पर आ गया।

इन दवा कंपनियों के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट

फार्मा शेयरों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। निफ्टी फार्मा इंडेक्स 2.3% गिर गया। सन फार्मा के शेयर 5% गिरकर 52 सप्ताह के निचले स्तर पर आ गए। बायोकोन के शेयरों में भी लगभग 3% की गिरावट आई। इसी तरह अरबिंदो फार्मा, डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज, ल्यूपिन और सिप्ला के शेयरों में भी लगभग 2% की गिरावट आई। भारत के फार्मा निर्यात का एक तिहाई से अधिक हिस्सा अमेरिका को जाता है।

इसमें ज्यादातर कम लागत वाली जेनेरिक दवाएं शामिल हैं। वित्त वर्ष 2025 में अमेरिका को होने वाला निर्यात 20% बढ़कर लगभग 10.5 बिलियन डॉलर हो गया। ट्रंप ने गुरुवार को नए टैरिफ की घोषणा की। उन्होंने ब्रांडेड और पेटेंट दवाओं पर 100% और भारी ट्रकों पर 25% शुल्क लगाया है। यह 1 अक्टूबर से लागू होगा। मिडकैप इंडेक्स में 0.8% और स्मॉलकैप इंडेक्स में 1.2% गिरावट आई।

ट्रेड डील के लिए भी अमेरिका ने रखी शर्त

भारत और अमेरिका के बीच पिछले दिनों ट्रेड डील को लेकर हुई सकारात्मक वार्ता के बाद अमेरिका ने अब इसके लिए एक नई शर्त रख दी है। हालांकि दोनों देशों ने बातचीत को जारी रखने का भी फैसला लिया है। लेकिन अमेरिका की इस नई शर्त के बाद इस वार्ता का भविष्य क्या होगा यह किसी से छिपा हुआ नहीं है। अमेरिका ने कहा है कि भारत जब तक रूस से तेल खरीदना बंद नहीं करेगा तब तक ट्रेड डील नहीं होगी। हालांकि ट्रेड डील के लिए भारत जेनेटिकली मॉडिफाइड मक्के के आयात पर कुछ पाबंदियां हटाने और ज्यादा डिफेंस प्रोडक्ट खरीदने को तैयार हो गया था लेकिन अमेरिका ने पुराना राग एक बार फिर से अलाप दिया है।

इन दवा कंपनियों पर होगा सबसे ज्यादा असर

जिन कंपनियों पर इस टैरिफ का सबसे ज्यादा असर पड़ने की संभावना है, उनमें डॉ. रेड्डीज, सन फार्मा, लुपिन समेत कई कंपनियां शामिल हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि ट्रंप के टैरिफ का सबसे ज्यादा असर ब्रांडेड या पेटेंट कराई हुई दवाओं पर पड़ने की आशंका है, हालांकि जेनेरिक दवाओं को लेकर भी संशय की स्थिति है।

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