आरबीआई गर्वनर ने भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर का अनुमान 6.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.3 किया

India GDP Growth  (आज समाज), बिजनेस डेस्क : भारत इस समय विकासशील देशों में सबसे तेजी से उभर रहा है और हमारी अर्थव्यवस्था लगातार विकास कर रही है। यह हम सभी के अनुमान से ज्यादा तेजी से बढ़ रही है। यह कहना है आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा का जो शुक्रवार को एमपीसी की बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी सार्वजनिक कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि आरबीआई ने वित्त वर्ष 2026 के जीडीपी अनुमान को बढ़ाकर 7.3 प्रतिशत कर दिया है। यह पहले के अनुमान से लगभग आधा प्रतिशत अधिक है।

आने वाले समय में इस तरह रहेगी विकास दर

इसके साथ ही उन्होंने वित्त वर्ष 2026 की तीसरी और चौथी तिमाही के लिए क्रमश: 7 प्रतिशत और 6.5 प्रतिशत वृद्धि दर रहने का अनुमान लगाया है। वहीं वित्त वर्ष 2027 की पहली और दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी के आंकड़े क्रमश: 6.7 प्रतिशत और 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। मल्होत्रा ने कहा कि घरेलू अर्थव्यवस्था की गतिविधियां स्थिर हैं, ग्रामीण मांग मजबूत है और शहरी मांग में लगातार सुधार हो रहा है।

आरबीआई ने सर्वसम्मति से नीतिगत रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती की घोषणा की। इससे ब्याज दर 5.5 प्रतिशत से घटकर 5.25 प्रतिशत हो गई। गर्वनर मल्होत्रा ने 3 से 5 दिसंबर तक आयोजित तीन दिवसीय मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद यह निर्णय सुनाया। उन्होंने कहा कि इस फैसले पर पहुंचने से पहले देश की उभरती हुई व्यापक आर्थिक स्थितियों और भविष्य के दृष्टिकोण का विस्तृत मूल्यांकन किया गया।

मजबूत जीडीपी और घटती महंगाई का मिला समर्थन

ब्याज दरों में यह कटौती मजबूत आर्थिक प्रदर्शन के दौर के बाद की गई है, जिसे चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 8.2% की मजबूत जीडीपी वृद्धि और महंगाई के निम्न स्तर का सहारा मिला है। भारत की खुदरा मुद्रास्फीति अक्तूबर 2025 में तेजी से गिरकर 0.25 प्रतिशत पर आ गई, जो कि रिकॉर्ड न्यूनतम स्तर है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मजबूत उपभोग, जीएसटी सुधार से भारत की दूसरी तिमाही की जीडीपी संख्या में तेजी आई।

बढ़ाया जाएगा नकदी का प्रवाह

भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्तीय वर्ष 2025-26 की अपनी पांचवीं मौद्रिक नीति बैठक (एमपीसी) में एक अहम फैसला लेते हुए निर्णय लिया गया कि आरबीआई एक बार फिर से बाजार में नकदी के प्रवाह को बढ़ाएगा। इसके लिए आरबीआई बैंकों में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए एक लाख करोड़ के सरकार बॉन्ड को ओपन मार्केट आॅपरेशन्स के जरिए खरीदेगा।

यह खरीदारी इस महीने 50 हजार करोड़ की दो किश्तों में की जाएगी। केंद्रीय बैंक का कहना है कि इस खरीदारी से घरेलू बैंकिंग सिस्टम में तरलता बढ़ेगी। इसके साथ ही बाजार में नकदी की स्थिति को संतुलित करने और विनियामक स्थिरता बनाए रखने के लिए आरबीआई 16 दिसंबर को 5 अरब डॉलर का खरीद-बिक्री स्वैप आॅपरेशन करने जा रहा है। यह स्वैप तीन साल की अवधि के लिए होगा।

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